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    टीम की निगरानी में पोल्ट्री फार्म, हेल्पलाइन नंबर जारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jan 2021 07:19 PM (IST)

    पक्षियों के लिए आफत बने बर्ड फ्लू के वायरस से प्रयागराज में भी दहशत है। पशु चिकित्सा विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। पोल्ट्री फार्म बर्ड फ्लू वायरस के प्रसार के लिहाज से बेहद संवेदनशील होते हैं। इसलिए पशु चिकित्सा अधिकारी ने टीम बनाकर सतत निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।

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    टीम की निगरानी में पोल्ट्री फार्म, हेल्पलाइन नंबर जारी

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज : पक्षियों के लिए आफत बने बर्ड फ्लू के वायरस से प्रयागराज में भी दहशत है। पशु चिकित्सा विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। पोल्ट्री फार्म बर्ड फ्लू वायरस के प्रसार के लिहाज से बेहद संवेदनशील होते हैं। इसलिए पशु चिकित्सा अधिकारी ने टीम बनाकर सतत निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।

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    दरअसल, बर्ड फ्लू की दस्तक से लोग सशंकित हैं। पशु चिकित्सा विभाग की ओर से कंट्रोल रूम बनाया गया है। साथ ही सतर्कता के लिए हेल्पलाइन नंबर 8953995402, 7017636663 व 0532-2548827 भी जारी किया गया है। पांच सदस्यीय टीम के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि लक्षण मिलने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने सभी पशु चिकित्सकों को संदिग्ध पक्षियों का सैंपल लैब भिजवाने का निर्देश दिया है।

    जिले में अभी तक नहीं आया केस

    बर्ड फ्लू का वायरस देश में पहले भी कई बार दस्तक दे चुका है। लेकिन, अभी तक प्रयागराज में इस फ्लू के वायरस की पुष्टि नहीं हुई। इस बार भी सतर्कता बरती जा रही है। अब तक 89 पोल्ट्री फार्म की सूची बनाई गई है। इनकी सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं। चिकन खाने वालों के लिए दिक्कत नहीं है, क्योंकि 70 डिग्री सेंटीग्रेट पर पकने के बाद सभी वायरस समाप्त हो जाते हैं। मुर्गी पालन करने वाले सतर्क रहें।

    - डॉ. आरपी राय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।

    नारीबारी में कीटनाशक खाने से हुई पक्षियों की मौत

    जासं, प्रयागराज : नारीबारी में गुरुवार को अचानक दर्जनों पक्षियों ने दम तोड़ दिया था। गांव में लोगों के प्रवेश करने पर पुलिस ने रोक लगा दी। ग्रामीणों में भी दहशत रही। पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच की। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी राय के मुताबिक, मृत पक्षियों की सैंपलिंग की गई। प्रथम दृष्टया खेतों में छिड़काव किए गए कीटनाशक का सेवन करने से पक्षियों की मौत की बात सामने आई है। फिर भी कुछ मृत पक्षियों के सैंपल लेकर शहर की फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं।