महात्माओं के बड़े संगठन खाक चौक व्यवस्था समिति के विवाद को कोर्ट में ले जाने की तैयारी
खाक चौक व्यवस्था समिति में विवाद हो गया है। सीताराम दास ने कहा कि कोर्ट के समक्ष सारा मामला उठाकर संतोष दास के साथ नियम विरुद्ध काम करने वाले अधिकारियों को सजा दिलवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कोर्ट जाने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज माघ मेला में महात्माओं के सबसे बड़े संगठन खाक चौक व्यवस्था समिति का विवाद बढ़ता जा रहा है। समिति में सीताराम दास गुट के अध्यक्ष महामंडलेश्वर सीताराम दास ने कुछ दिनों से दूसरे गुट के महामंत्री महामंडलेश्वर संतोष दास 'सतुआ बाबा' पर हमलावर हैं। सीताराम दास का कहना है कि संतोष दास ने अधिकारियों से सांठगांठ करके गैरकानूनी तरीके से समिति के नियम में बदलाव करवा दिया है। सारे नियम अपनी सुविधा के अनुसार बनवाए हैं, जिसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
बोले, सीताराम दास
सीताराम दास ने कहा कि कोर्ट के समक्ष सारा मामला उठाकर संतोष दास के साथ नियम विरुद्ध काम करने वाले अधिकारियों को सजा दिलवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कोर्ट जाने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे
सीताराम कहते हैं कि उन्हें नियमानुसार अध्यक्ष चुना गया है। ऐसे में वही समिति के अध्यक्ष हैं। अनैतिक कार्य करने के कारण संतोष दास को महामंत्री पद व समिति से हटा दिया गया है। समिति से बाहर होने पर उन्होंने नया संगठन बना लिया है, जो अवैध है। सीताराम दास ने कहा कि वर्ष 2023 के माघ मेला के लिए प्रशासन क्रमानुसार महात्माओं को भूमि आवंटित करे। भूमि आवंटन में किसी प्रकार से संतोष दास की मनमानी स्वीकार नहीं की जाएगी। संतोष दास का कहना है कि सीताराम दास उम्र में उनसे वरिष्ठ हैं, उनका हमेशा सम्मान किया है और आगे भी करेंगे, परंतु वो खाकचौक का हित नहीं चाहते। व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में होने वाले बदलाव पर टिकी नजर
गौरतलब है कि समिति के अध्यक्ष सीताराम दास व महामंत्री संतोष दास चुने गए थे। वर्ष 2021 के माघ मेला के दोनों के बीच विवाद होने पर अलग-अलग समिति बन गई। वैसे, सीताराम दास गुट के कुछ महात्मा संतोष दास से मिल गए हैं। आने वाले दिनों में कुछ प्रभावी बदलाव हो सकता है, जिस पर सबकी नजर टिकी है।
महिलाओं को मिलेगा सम्मान
संतोष दास द्वारा साध्वियों को शिविर लगाने से रोकने का विरोध किया। सीताराम ने कहा कि महिलाओं को हर अखाड़ा मान्यता देता है। संतोष दास के गुरु ने कई विदेशी महिलाओं को महामंडलेश्वर बनवाया है। ऐसे में साध्वियों का विरोध करना अनुचित है। वो हर साध्वी को सम्मान के साथ शिविर लगवाएंगे।
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