Bundelkhand Expressway: प्रयागराज-दिल्ली, आगरा व झांसी तक पहुंचने में समय व ईंधन कम लगेगा, आंकड़ों में देखें
Bundelkhand Expressway बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से प्रयागराज व आसपास के जिलों के लोगों का दिल्ली आदि का सफर आसान हो जाएगा। प्रयागराज से चित्रकूट तक का राष्ट्रीय राजमार्ग को दुरुस्त किया जा रहा है। नैनी के औद्योगिक क्षेत्र को भी बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे औद्योगिक गलियारा से संजीवनी मिलने की उम्मीद है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से संगम नगरी के धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। बुंदेलखंड के साथ ही राजस्थान के श्रद्धालुओं की प्रयागराज की राह होगी आसान। महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं के लिए यह एक्सप्रेस वे काफी सुविधाजनक होगा। इसके अलावा दिल्ली, आगरा, झांसी जाने के लिए प्रयागराज और इसके आसपास जिले के लोगों को भी सहूलियत मिलेगी।
इन इलाके के लोगों की राह अधिक आसान होगी : प्रयागराज से दिल्ली जाने के लिए अब तक लोग लखनऊ से आगरा एक्सप्रेस-वे से जाते थे, जिससे समय के साथ ईंधन भी अधिक खर्च होता था। अब चित्रकूट होकर दिल्ली जाने में समय के साथ ईंधन की भी बचत होगी। खासतौर पर प्रयागराज के यमुनापार क्षेत्र के लोगों, मीरजापुर, सोनभद्र तथा मध्य प्रदेश के रीवा व सीधी, शहडोल के लोगों के लिए भी इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली की राह आसान होगी।
ये तुलनात्मक आंकड़े देखें : प्रयागराज से चित्रकूट की दूरी लगभग 120 किमी है और फिर 296 किमी बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से इटावा और वहां से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 120 किमी दूरी तय कर आगरा पहुंच सकेंगे। चूंकि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर वाहनों का दबाव कम रहेगा, इसलिए समय और ईंधन की बचत हो सकेगी। मंडलायुक्त संजय कुमार गोयल का कहना है कि इसीलिए प्रयागराज से चित्रकूट तक झांसी-मीरजापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को दुरुस्त कराने का काम तेजी से चल रहा है। यह कार्य अंतिम चरण मेें है, जिससे लोग चित्रकूट जाकर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से आगे जा सकेंगे। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि प्रयागराज के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में एक्सप्रेस वे सहायक होगा।
नैनी के उद्योगों को मिलेगी संजीवनी : वर्षों से अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रहे नैनी के औद्योगिक क्षेत्र को भी बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे औद्योगिक गलियारा से संजीवनी मिलने की उम्मीद है। डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर से नैनी स्थित केंद्रीय आयुध भंडार छिंवकी तथा बीपीसीएल को लाभ मिल सकता है। बीपीसीएल में तोप में लगने वाले बम सेल का निर्माण होता था। औद्योगिक गलियारा से कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और औद्योगिक आय में भी वृद्धि की संभावना है। उपायुक्त उद्योग एके चौरसिया ने बताया कि नैनी स्थित विभिन्न निर्माण इकाइयां, विकास केंद्र और कृषि उत्पादक क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी से जुड़ सकेंगे। हथकरघा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण, बाजार और दूध आधारित उद्योगों को भी मजबूती मिल सकेगी।
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