प्रयागराज के बीच शहर में हिरण भरेंगे कुलाचें, तीन मीटर ऊंचा 3 किमी का बनेगा लकड़ी का ट्रैक
राजकीय उद्यान अधीक्षक बोले कि आजाद पार्क में हिरण रखने की प्रक्रिया शुरू है। यहां कुल 11 हिरण को रखा जाएगा। हिरण को किस तरह से ट्रैक बनाकर रखना है इसक ...और पढ़ें

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क की दूर-दूर पहचान है। जनपद के पर्यटक स्थल के रूप में यह प्रसिद्ध है। गंगा, यमुना क संगम स्नान करने वाले हों अथवा पर्यटक, प्रयागराज आने के बाद इस पार्क में जरूर आते हैं। आजाद पार्क का पुराना नाम कंपनी गार्डेन था। यहां की हरियाली हर किसी को लुभाती है। प्रतिदिन सुबह और शाम को सैकड़ों की संख्या में सैर करने वाले भी यहां पहुंचते हैं।
प्राकृतिक शोभा के साथ हिरण भी दिखेंगे : शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क को प्राकृतिक रूप से अधिक समृद्ध करने के लिए औषधीय पाैधे तो लगाए जाएंगे ही, अब नई तैयारी भी हो रही है। अब यहां हिरण भी कुलाचें भरते लोगों को नजर आएंगे। बीच शहर में हिरण देखना निश्चित रूप से हर किसी के लिए सुखद अनुभूति होगी।
आजाद पार्क में तीन नर व आठ मादा हिरण होंगे : 133 एकड़ में फैले आजाद पार्क में प्रतिदिन हजारों लोग सुबह और शाम टहलने आते हैं। कुछ परिवार के पिकनिक भी मनाते हैं। पार्क का आकर्षण बढ़ाने के लिए इसमें हिरण रखने का निर्णय लिया गया है। इसमें तीन नर और आठ मादा हिरण होंगे। उन्हें सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली से ट्रैक की डिजाइन तैयार कराई जा रही है।
कहां बनेगा हिरणों का ट्रैक : चंद्रशेखर आजाद पार्क में हिरणों के लिए स्पेशल ट्रैक गेट नंबर एक के सामने से तैयार किया जाएगा। ट्रैक की दूरी लगभग तीन किलोमीटर तक होगी। डिजाइन आने के एक सप्ताह बाद ट्रैक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सितंबर महीने तक पार्क में हिरण देखने को मिलेंगे।
लकड़ी का तैयार होगा ट्रैक : आजाद पार्क में हिरणों के लिए लकड़ी का ट्रैक तैयार किया जाएगा। यह हिरणों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। लोहे का ट्रैक बनाने से उछले कूदने के दौरान चोट लगने की संभावना रहेगी। ऐसे में लकड़ी के ट्रैक की उंचाई तीन मीटर से अधिक होगी। इसी ट्रैक भीतर हिरण रहेंगे। इसे लोग बाहर से देख सकेंगे।
क्या कहते हैं राजकीय उद्यान अधीक्षक : राजकीय उद्यान अधीक्षक उमेश चंद्र उत्तम कहते हैं कि आजाद पार्क में हिरण रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां कुल 11 हिरण को रखा जाएगा। हिरण को किस तरह से ट्रैक बनाकर रखना है इसकी डिजाइन दिल्ली से तैयार कराई जा रही है। डिजाइन आने के बाद ट्रैक बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

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