वाह भाई टीटू... क्या चाय बनाई है, प्रयागराज के बड़ा चौराहे पर आधी रात तक लेते हैं चाय की चुस्कियां
ग्राहकों के बीच जितनी अधिक व्यस्तता उतनी ही टीटू के चेहरे पर रहती है मुस्कान। चाय का स्वाद भी ऐसा जिसे पीकर लोग कहते हैं वाह टीटू भाई.. क्या चाय बनाई है। यह चाय की दुकान ऐसा अड्डा है जहां रात तीन बजे तक लोगों का जमावड़ा रहता है।

प्रयागराज, जेएनएन। चाय की चुस्की गजब होती है। तनाव भरे दिमाग की यह बत्ती जला देती है तो दोस्ती-यारी को और प्रगाढ़ करती है। चाय में लज्जत हो तो फिर कहने ही क्या। मुट्ठीगंज के बड़ा चौराहा स्थित 'टीटू टी स्टाल' पर मिलने वाली लज्जतदार चाय के दीवाने भी खूब हैं।
चेहरे पर मुस्कान के बीच चाय परोसते हैं टीटू
ग्राहकों के बीच जितनी अधिक व्यस्तता उतनी ही टीटू के चेहरे पर रहती है मुस्कान। चाय का स्वाद भी ऐसा जिसे पीकर लोग कहते हैं वाह टीटू भाई.. क्या चाय बनाई है। यह चाय की दुकान ऐसा अड्डा है जहां रात तीन बजे तक लोगों का जमावड़ा रहता है। चाय की चुस्की के बीच लोग यहां घंटे दो घंटे भी बिताते हैं। एक तरफ उनके छोटे भाई राहुल की चाट की दुकान और दूसरी तरफ बड़े भाई सचिन गरमागरम पकौड़े तलकर ग्राहकों को रुकने पर मजबूर कर देते हैं।
टीटू कहते हैं कि चाय से ज्यादा मिठास उनके और ग्राहकों के बीच संबंधों की है। लोग दूर-दूर से आते हैं। दिन भर के कामकाज की थकान से चूर हुए लोग उनकी दुकान पर रुकते हैं तो एक दूसरे की मीठी बातों से न ग्राहकों को थकान का पता चलता है और न ही व्यस्तता आड़े आती है।
बलुआघाट पर रहने वाले सतीश केसरवानी भी इस दुकान पर रात में जरूर पहुंचते हैं। कहते हैं कि टीटू भाई की दुकान पर मिलने वाली चाय कुछ खास रहती है। यहां पर लोगों से मिलना भी हो जाता है और दो बातें हो जाती हैं। तीनों भाइयों का प्रेम भी स्थानीय लोगों को अच्छा लगता है। बाजार में चहल पहल रहती है इससे भी चाय की दुकान पर रौनक हो जाती है। टीटू कहते हैं कि उनके पिता जी भी दुकान पर बैठते हैं। भोर में कुछ घंटे के लिए ही दुकान बंद होती है। सुबह सात बजे फिर ग्राहक आने लगते हैं।
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