पीसीएस 2016 का इंटरव्यू: सीएम योगी की सक्रियता पर UPPSC ने पूछा अभ्यर्थियों का नजरिया
उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपीपीएससी ने पीसीएस 2016 के इंटरव्यू में प्रदेश सरकार के कामकाज के संबंध में भी अभ्यर्थियों का नजरिया जाना।
जेएनएन, प्रयागराज। उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपीपीएससी ने पीसीएस 2016 के इंटरव्यू में प्रदेश सरकार के कामकाज के संबंध में भी अभ्यर्थियों का नजरिया जाना। अभ्यर्थियों से बोर्ड ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता पर सवाल पूछकर यह भी जानने का प्रयास किया कि प्रशासनिक व्यवस्था, कानून व्यवस्था कैसी है। वहीं बुलंदशहर में स्याना के कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की हत्या पर भी टटोला कि इस मामले को युवा वर्ग राजनीति से कितना जोड़कर देख रहा है और उससे सरकार की छवि पर क्या फर्क पड़ रहा है।
इंटरव्यू वैसे तो पांच बोर्ड ले रहे हैं लेकिन, दो बोर्ड में प्रदेश सरकार के कामकाज, सबरी माला मंदिर के विवाद और इसमें किस देवता का मंदिर है, इलाहाबाद जिले का नाम प्रयागराज किए जाने संबंधी सवाल अधिक हुए। पूछा गया कि योगी आदित्यनाथ यूपी ही नहीं, अन्य राज्यों में भी तेजी से सक्रिय हैं। इससे उनकी सरकार या भाजपा की नीतियों पर क्या असर पड़ेगा। बुलंदशहर में कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की हत्या के कारण, इसे राजनीतिक रंग दिए जाने और वास्तविक परिस्थितियों को पूछते हुए अभ्यर्थियों से बोर्ड ने जाना कि यदि वे वहां एसडीएम या डिप्टी एसपी होते तो फौरन क्या कदम उठाते। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है, प्रयाग या प्रयागराज का नाम इतिहास में कब और कहां मिलता है। यहां संगम का क्या महत्व है। सरस्वती नदी सूख गई या अस्तित्व में अब नहीं है तो क्यों। जियोग्राफी विषय वाले अभ्यर्थियों से पूछा कि पहाड़ कैसे बनते हैं। बोर्ड ने यह भी पूछा कि सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना में प्रयागराज के लिए किस प्रोडक्ट को चुना गया है। स्मार्ट सिटी क्या है।
बोर्ड ने रक्षा मामलों पर भी अभ्यर्थियों के मन को खंगाला। पूछा कि रक्षा और सुरक्षा में क्या अंतर है। नक्सलवाद और आतंकवाद में कौन अधिक खतरनाक है। मिलिट्री साइंस और डिफेंस में क्या खास अंतर है। और देश की सीमा पर सबसे आगे कौन सी फोर्स तैनात रहती है।