1954 में तंबुओं की नगरी पहुंचे थे पंडित जवाहर लाल नेहरू, वर्ष 1938 में मां का अस्थि विसर्जन करने भी आए थे प्रयागराज
देश के प्रधानमंत्री की हैसियत से पंडित जवाहर लाल नेहरू वर्ष 1954 में कुंभ मेले में आए थे। वह आज भी लोगों को पूरी तरह याद है। जब भी इस बात का जिक्र किया जाता है तो लोगों का दर्द भी छलक उठता है।

प्रयागराज, जेएनएन। देश के प्रधानमंत्री की हैसियत से पंडित जवाहर लाल नेहरू वर्ष 1954 में कुंभ मेले में आए थे। वह आज भी लोगों को पूरी तरह याद है। जब भी इस बात का जिक्र किया जाता है तो लोगों का दर्द भी छलक उठता है। उनके जाने के बाद भगदड़ मचने से कई लोगों की जान चली गई थी। इसके पूर्व वह 1938 में अपनी मां की अस्थियां विसर्जित करने आ चुके थे। उस वक्त उन्होंने संगम में डुबकी भी लगाई थी।
1975 में इंदिरा तो 2001 में सोनिया भी पहुंची थीं मेला
कांग्रेस नेता किशोर वाष्णेय बताते हैं कि इसके बाद नेहरू-गांधी परिवार ने कई बार आने का प्रयास किया पर उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देकर रोक दिया गया था। इसके बाद 1975 में इंदिरा गांधी भी संगम पहुंची थीं। उन्होंने संगम दर्शन किया था। फिर वर्ष 2001 में सोनिया गांधी आईं थीं। उस वक्त राजनाथ सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम करने से मना कर दिया गया था। सोनिया आनंद भवन ठहरीं थीं। यहां से वह सीधे सरस्वती घाट से मोटर बोट से संगम पहुंचीं थीं। घुटने के बराबर पानी में उन्होंने संगम में डुबकी लगाई थी। जिस पर बाद में विवाद भी छिड़ा था कि सोनिया ने स्नान नहीं किया था। किशोर बताते हैं कि सोनिया कड़कड़ाती ठंड में गीली साड़ी पहनकर वापस बोट से घाट तक गईं थीं। उनके साथ अनिल शास्त्री, मणिशंकर अय्यर, माखनलाल फोतेदार, श्रीप्रकाश जायसवाल और प्रो. रंजना बाजपेई भी थीं। फिर 2013 में सोनिया ने दोबारा आने का प्रयास किया लेकिन रोक दिया गया था।
मार्च 2019 में भी प्रियंका आई थीं संगम
इसके बाद 18 मार्च 2019 को प्रियंका वाड्रा संगम पहुंचीं थीं और यहां लेटे हनुमान जी का दर्शन और किला देखने के बाद संगम में गंगाजल का आचमन किया था। अब प्रियंका दोबारा गुरुवार को पहुंचेंगी और संगम में डुबकी लगाएंगी।
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