महिला ग्राम प्रधान हैं तो ये खबर जरूर पढ़ें, अगर पति, बेटा या देवर संभालेंगे कुर्सी तो जाएगी प्रधानी
महिला ग्राम प्रधान के स्थान पर अगर कोई दूसरा व्यक्ति प्रधानी करता है तो प्रधान के कार्य पर रोक लगाई जाएगी उसके वित्तीय समेत सभी अधिकार सीज कर दिए जाएंगे। सचिवों को निर्देश दिया गया है कि महिला प्रधान के कार्य में अगर कोई हस्तक्षेप करता है तो उसे रोकें।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। ग्राम प्रधान चुनी गईं महिला ग्राम प्रधानों को खुद काम करना होगा। उन्हें ही ग्राम पंचायत की सभी बैठकों में शामिल होना होगा। महिला प्रधानों की जगह यदि उनके पति, बेटा या देवर मिनी सचिवालयों में बैठे और उनका काम करते नजर आए तो पंचायती राज एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। शासन की ओर से इसके लिए पूर्व में ही जीओ यानी गवर्नमेंट आर्डर भी जारी किया गया है।
महिला प्रधानों से संबंधित क्या है गवर्नमेंट आर्डर : जीओ में स्पष्ट है कि महिला ग्राम प्रधान के स्थान पर अगर कोई दूसरा प्रधानी करता है तो प्रधान के कार्य पर रोक लगा दी जाएगी और उसके वित्तीय समेत सभी अधिकार सीज कर दिए जाएंगे। इसके लिए सभी सचिवों को निर्देश दिया गया है कि महिला प्रधान के कार्य में अगर कोई हस्तक्षेप करता है तो उसे वह स्वयं रोके और उसकी रिपोर्ट डीपीआरओ को भेजें।
प्रयागराज में 517 महिला ग्राम प्रधान चुनी गई हैं : प्रयागराज जिले में 1540 ग्राम पंचायते हैं। इसमें 517 महिलाएं इस वर्ष ग्राम प्रधान चुनी गई हैं। काफी संख्या में महिला प्रधान काफी जागरूक हैं और गांव में सरकार भी चला रही हैं। लेकिन, अधिकांश समय महिला के पति ही सत्ता संभाले दिखते हैं। महिलाओं के आरक्षित ग्राम पंचायत वाली सीटों में पंचायत में होने वाले कार्य से लेकर, खाता संचालन, पंचायत की बैठक, जिला मुख्यालय के आयोजन तक में उनके पति या परिजन ही हिस्सेदारी लेते हैं। अब ऐसी महिला प्रधानों पर सख्त कार्रवाई होगी।
पंचायतीराज विभाग ने जारी की सूचना : पंचायतीराज विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार पंचायत की हर बैठक में प्रधान ही हिस्सा लें और उनकी मौजूदगी में ही क्या शिकायतें आईं, क्या कार्यवाही हुई, इसकी पूरी जानकारी पंचायत भवन में रखें। रजिस्टर में सभी के हस्ताक्षर के साथ लिपिबद्ध होगी। इसी रजिस्टर में सभी विभागों के एक-एक कर्मचारी की भी क्रमवार वहां उपस्थिती दर्ज होगी। अगर महिला प्रधान अपने दायित्व का निर्वाहन करती हुई नहीं मिली तो उनकी प्रधानी भी जा सकती है।
बोले, जिला पंचायत राज अधिकारी : जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार सिन्हा कहते हैं कि पंचायतीराज एक्ट में प्रधान के कार्य व दायित्व तय हैं। शासन की ओर से जारी जीओ में स्पष्ट है कि अनुसार ग्राम प्रधान के स्थान पर अन्य कोई कार्य नहीं कर सकता। ऐसा करता है तो यह प्रावधानों का उल्लंघन है। प्रधान के कार्य में हस्तक्षेप पर सचिव तत्काल कार्रवाई करें। पंचायत भवन सचिवालय संचालित करने, आने वाली समस्याओं का निराकरण की जिम्मेदारी भी प्रधान की है। महिला प्रधान अथवा पुरुष के स्थान पर कोई दूसरा प्रधान पद के कार्य का अधिकार नहीं रखता।
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