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    अब प्रयागराज से चित्रकूट के लिए बिना टेंशन भरिए कार में फर्राटा, बेसहारा मवेशियों के लिए बना गोआश्रय स्थल

    By GYANENDRA SINGH1Edited By: Ankur Tripathi
    Updated: Fri, 18 Nov 2022 06:06 PM (IST)

    cow shelter बारा और शंकरगढ़ में अन्ना प्रथा पर अब अंकुश लगेगा। शंकरगढ़ के गाढ़ा कटरा गांव में एक हजार बेसहारा गोवंशों के संरक्षण के लिए आश्रय केंद्र बना दिया गया है। इससे प्रयागराज से चित्रकूट जाने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन में असुविधा नहीं होगी।

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    शंकरगढ़ के गाढ़ा कटरा गांव में होगा एक हजार बेसहारा गोवंशों का संरक्षण

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज का पाठा कहे जाने वाले बारा और शंकरगढ़ में अन्ना प्रथा पर अब अंकुश लगेगा। शंकरगढ़ के गाढ़ा कटरा गांव में एक हजार बेसहारा गोवंशों के संरक्षण के लिए आश्रय केंद्र बना दिया गया है। इससे प्रयागराज से चित्रकूट जाने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन में असुविधा नहीं होगी। दरअसल, ये बेसहारा गोवंश हाईवे समेत प्रमुख मार्गों पर ही ज्यादातर समय रहते थे। खासतौर पर रात में ये मवेशी सड़कों पर ही बैठे रहते थे। यही नहीं अचानक सड़क पार करने पर ये मवेशी दुर्घटना का कारण भी बनते थे।

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    प्रयागराज के पाठा में अन्ना प्रथा पर अंकुश लगाने को बना गोआश्रय स्थल

    बारा और शंकरगढ़ क्षेत्र बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है। इसीलिए यहां भी अन्ना प्रथा (पशुओं को बेसहारा छोड़ देना) का असर है। इससे खेती तो चौपट हो ही रही थी, सड़कों पर इन मवेशियों के चलते हादसे भी होते थे। इस पर नियंत्रण के लिए प्रयागराज-चित्रकूट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गाढ़ा कटरा गांव में लगभग 52 लाख रुपये से एक हजार क्षमता का गोआश्रय केंद्र बनाया गया है। डीडीओ भोलानाथ कनौजिया ने बताया कि इस गोआश्रय स्थल का 23 नवंबर को डीएम संजय कुमार खत्री द्वारा शुभारंभ किया जाएगा। इसमें बेसहारा गोवंशों को संरक्षित किया जाएगा।

    बारा से शिवराजपुर तक एक्सीडेंट जोन

    इन बेसहारा गोवंशों के चलते बारा तहसील मुख्यालय से लोहगरा के बीच तथा उसके आगे शिवराजपुर तक एक्सीडेंट जोन बन गया था। आए दिन इन मवेशियों के चलते हादसे होते थे। दुर्घटना में मवेशियों की मौत होने पर उनके शव कई-कई दिन तक हाईवे पर ही पड़े रहते थे जिससे आवागमन में लोगों को दिक्कत होती थी।