माल पकड़े जाने पर टैक्स नहीं अब दोगुना जुर्माना, जीएसटी काउंसिल ने व्यवस्था में किया बदलाव
एक जनवरी से वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम की धारा 129 के तहत माल पकड़े जाने पर व्यापारियों से टैक्स वसूली नहीं होगी। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष पनामा का कहना है कि दोहरा टैक्स लिया जाना संविधान के विरुद्ध है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सचल दल द्वारा माल पकड़े जाने पर पहले व्यापारियों को टैक्स और उसके बराबर जुर्माना देना पड़ता था। जीएसटी काउंसिल ने अब इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। माल पकड़े जाने पर व्यापारियों को टैक्स नहीं देना होगा लेकिन, जुर्माना दोगुना भुगतान करना होगा। यह व्यवस्था एक जनवरी 2022 से लागू होगी। कारोबारियों के विरोध की वजह से ही पुरानी व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
पहले माल पकड़े जाने पर जारी किया जाता था डिमांड नोटिस
सीजीएसटी अथवा वाणिज्यकर विभाग के सचल दल द्वारा पहले व्यापारियों का माल पकड़ा जाता था तो उसे छोड़ने (रिलीज करने) के लिए टैक्स और उसके बराबर जुर्माने की अदायगी के लिए संबंधित अधिकारी द्वारा डिमांड नोटिस जारी की जाती थी।जबकि उस माल पर व्यापारी द्वारा टैक्स भुगतान कर दिया गया होता है। इनवाइस में टैक्स भुगतान का उल्लेख भी होता है। इसके बावजूद व्यापारियों को दोहरा टैक्स देना होता था। कई व्यापारिक संगठनों द्वारा इस व्यवस्था का लंबे समय से विरोध किया जा रहा था, क्योंकि संविधान में दोहरे टैक्स की व्यवस्था नहीं है। इसके मद्देनजर जीएसटी काउंसिल ने व्यवस्था में बदलाव कर दिया है।
टैक्स से राहत लेकिन जुर्माना भरना पड़ेगा दोगुना
एक जनवरी से वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम की धारा 129 के तहत माल पकड़े जाने पर व्यापारियों से टैक्स वसूली नहीं होगी। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष पनामा का कहना है कि दोहरा टैक्स लिया जाना संविधान के विरुद्ध है। व्यवस्था में बदलाव से व्यापारियों को खास राहत नहीं मिलेगी मगर, दोहरा टैक्स नहीं देना पड़ेगा। जुर्माना दोगुना भुगतान करना होगा। अलग-अलग माल पर टैक्स और जुर्माना अलग-अलग लगता है।
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