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    चिलबिला गांव गोद लेने की फिल्म अभिनेता की इच्छा से हर्षित गांव वाले

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jun 2018 11:14 AM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर चिलबिला को गोद लेने की फिल्म अभिनेता संजय दत्त की इच्छा जताई तो गांव वाले आह्लादित हो गए।

    चिलबिला गांव गोद लेने की फिल्म अभिनेता की इच्छा से हर्षित गांव वाले

    इलाहाबाद (जेएनएन)। फिल्म अभिनेता संजय दत्त भले ही अपनी नानी के गांव मेजा तहसील के उरवा ब्लाक के चिलबिला कभी न आए हों लेकिन, उन्हें अपनी नानी जद्दन बाई का गांव याद है। उन्होंने शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर चिलबिला को गोद लेने की इच्छा जताई तो गांव वाले आह्लादित हो गए। गांव में मस्तान साहब की मजार पर जद्दन बाई का जाना, संजय दत्त के पिता सुनील दत्त के प्रयास से गांव में बना अस्पताल, मुहर्रम पर संजय दत्त की मां नरगिस दत्त का गांव आते रहना रविवार को चिलबिला में हर जुबां पर चर्चा में आ गया।

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    जद्दनबाई का चिलबिला से गहरा नाता रहा है। अंग्रेजी हुकूमत में चिलबिला गांव नृत्य कला एवं मनोरंजन का बड़ा केंद्र था। यहां रहने वाले सारंगी मियां नृत्य कला के एक बड़े प्रशिक्षक थे। जद्दनबाई के बचपन का नाम दलीपा था, वह बचपन में अपने परिवार को छोड़ नृत्यकला सीखने सारंगी मियां के पास आ गई थीं। बाद में सारंगी मियां ने उन्हें गोद ले लिया था। आगे चलकर वह बड़ी नृत्यांगना बनीं और मुंबई पहुंच गईं। उनकी बेटी नरगिस फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री रहीं। अभिनेता सुनील दत्त से विवाह होने के बाद भी नरगिस कई साल तक मुहर्रम पर चिलबिला आती थीं और अपने मकान में रहती थीं। वह अंतिम बार वर्ष 1966 में यहां आयी थीं। वर्ष 1996 में सुनील दत्त पहली और अंतिम बार चिलबिला गांव आए थे। देखा कि अस्पताल न होने से यहां के लोग इलाज के लिए परेशान होते थे। इस पर उनके प्रयास से वर्ष 1998 में गांव में नवीन स्वास्थ्य केंद्र बनना शुरू हुआ, जो 2004 में पूरा हुआ। इसका उद्घाटन करने से पहले ही उनका निधन हो गया। अस्पताल अब बदहाल है। 

    गांव के पूर्व प्रधान एवं संजय दत्त के फुफेरे भाई इसरार अली उर्फ गुड्डू भाई ने बताया कि वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव के दौरान नगर पंचायत सिरसा के लाला लक्ष्मीनारायण डिग्र्री कालेज में सपा प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करने संजू बाबा आए थे। वहां मुलाकात हुई तो उन्होंने चिलबिला गांव को गोद लेने की इच्छा जताई थी। जब वह जेल में थे तो गांव वालों ने उनकी रिहाई के लिए गांव की मजार पर चादर चढ़ाया था। गांव वाले चाहते हैं कि संजू बाबा एक बार आकर गांव के हालात देख लेते तो हमारी दिक्कतें बिना कहे ही समझ लेते।

    गांव के कयूम अली एवं जमाल अहमद का कहना है कि गांव में अच्छे विद्यालय की बड़ी जरूरत है। राजनाथ यादव एवं गेंद बहादुर चाहते हैं कि संजू बाबा गांव आते तो उनसे रोजगार की व्यवस्था को लेकर चर्चा करते। गांव की बुजुर्ग रईसन बानो का कहना है कि संजू बाबा गांव को गोद ले लेंगे तो यहां की सारी समस्याएं खुद ब खुद अधिकारी दूर कर देंगे। ग्राम प्रधान कमला प्रसाद कहते हैं कि संजय भैया गांव को गोद ले लेंगे तो यहां मूलभूत सुविधाओं की बयार बहने लगेगी। अभी गांव में ज्यादातर शौचालय अधूरे हैं। प्राथमिक विद्यालय का बुरा हाल है।