अब गर्मी में भी मोतियाबिंद के आपरेशन, फेको विधि से सर्जरी के कुछ देर बाद जाइए घर
नेत्र सर्जन कहते हैं कि चिकित्सा सुविधाओं में विकास के चलते लोगों का भरोसा भी पहले से अधिक बढ़ा है। एक दिन पहले भर्ती दूसरे दिन छुट्टी मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय में मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए एक दिन पहले भर्ती होना पड़ता है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मोतियाबिंद के आपरेशन में फेको (फेमोइमल्सिफिकेशन) विधि ने अब लोगाें के मनोभाव की स्थितियां काफी बदली हैं। लोग अब गर्मी के दिनों में भी आपरेशन बेहिचक कराते हैं। इस विधि में संक्रमण का खतरा नहीं रहता और अस्पताल में भर्ती भी केवल 24 घंटे के लिए होना होता है।
नेत्र सर्जन कहते हैं कि चिकित्सा सुविधाओं में विकास के चलते लोगों का भरोसा भी पहले से अधिक बढ़ा है। एक दिन पहले भर्ती, दूसरे दिन छुट्टी मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय में मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए एक दिन पहले भर्ती होना पड़ता है। दूसरे दिन आपरेशन के दो से तीन घंटे बाद आंख पर लगाई गई पट्टी खोल दी जाती है और लोग घर भेज दिए जाते हैं जबकि पहले चार से पांच दिनों के लिए भर्ती होना होता था।
ऐसे हाेता है आपरेशन
आंख के आसपास इंजेक्शन से सुन्न करने की बजाए फेको विधि में केवल 2.8 एमएम का छोटा छेद करके अत्याधुनिक मशीन से मोतियाबिंद को आंख के भीतर ही घाेल दिया जाता है। इसके बाद फोल्डेबल लेंस आंख में प्रत्यारोपित किया जाता है।
विधि है पुरानी, जागरूकता नई
फेको विधि करीब दो दशक पुरानी है। लेकिन एक दूसरे से जानकारी पाकर लोग अब इसके प्रति जागरूक हो रहे हैं और गर्मी के दिनों में भी आपरेशन कराने से किसी का परहेज नहीं है।
प्रत्येक दिन करीब 40 आपरेशन
मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय के ही आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक दिन करीब 40 आपरेशन मोतियाबिंद के हो रहे हैं। जबकि 2018 से पहले प्रत्येक दिन 20-22 आपरेशन गर्मी के दिनों में होते थे।
फायदा लेने को लोग आ रहे आगे
लोगों में जागरूकता आई है। फेको विधि काफी सफल है। यह पुरानी जरूर है लेकिन इसका फायदा लेने के लिए लोग अब आगे आने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अब भी सर्दी के दिनों में ही आपरेशन कराने को प्राथमिकता देते हैं।
डा. एसपी सिंह, निदेशक मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।