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    अतीक अहमद के कब्जे से खाली कराई गई नजूल भूमि

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 07 Mar 2021 08:25 PM (IST)

    जागरण संवाददाता प्रयागराज लूकरगंज में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की टीम ने रविवार को अतीक के कब्जे से जमीन मुक्त कराई गई

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    अतीक अहमद के कब्जे से खाली कराई गई नजूल भूमि

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज: लूकरगंज में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की टीम ने रविवार को माफिया अतीक अहमद समेत अन्य लोगों के कब्जे से नजूल भूमि खाली कराई। लगभग पांच हजार वर्गगज से ज्यादा जमीन पर बने दर्जनों निर्माण बुलडोजर लगाकर ढहाए गए। ध्वस्तीकरण कार्रवाई का अतीक के अधिवक्ताओं और अवैध निर्माण कराने वाले लोगों ने विरोध भी किया। लेकिन, अधिकारियों और पुलिस फोर्स ने उन्हें समझाकर शांत कराया।

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    लूकरगंज में नजूल की उक्त भूमि लोगों को लीज पर दी गई थी। लोगों ने उस पर दर्जनों पक्के निर्माण कराए थे। हालांकि, कई साल पहले लीज खत्म हो चुकी थी। उस जमीन को कब्जे से खाली कराने के लिए पीडीए की टीम प्रशासनिक अफसरों और पुलिस फोर्स के साथ रविवार को दोपहर मौके पर पहुंची। टीम के पहुंचते ही अतीक के अधिवक्ता और अवैध निर्माण करने वाले जुट गए। अधिवक्ताओं ने अफसरों के सामने अपना पक्ष भी रखा मगर, लीज खत्म होने के कारण अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। इससे लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। उन्हें शांत कराने के बाद जमीन खाली कराने के लिए तीन बुलडोजर (रॉक ब्रेकर जेसीबी) लगाए गए। जमीन पर दशकों पुराने हुए निर्माणों को ढहाने की कार्रवाई शुरू हुई। देर शाम तक दर्जनों अवैध निर्माण ढहाए जा चुके थे। शाम करीब छह बजे तक चली कार्रवाई के दौरान लगभग चार हजार वर्गगज जमीन खाली कराई जा चुकी थी। नजूल भूखंड 19 और 65 पर ईवीएम का स्टोर प्रस्तावित

    नजूल भूखंड 65 माफिया के कब्जे से सितंबर 2020 में ही खाली करा लिया गया था। नजूल भूखंड 19 में भी आधे से ज्यादा पर माफिया का कब्जा था। उस कब्जे को भी पीडीए की टीम और प्रशासन ने इस कार्रवाई के बाद समाप्त कर दिया। जोनल अधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि दोनों नजूल भूखंडों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का स्टोर बनाने का प्रस्ताव है। जमीन की कुल अनुमानित लागत तकरीबन 40 से 50 करोड़ रुपये आंकी गई है। अतीक के अधिवक्ताओं और अवैध निर्माण करने वालों ने कार्रवाई का विरोध भी किया। कार्रवाई में एडीएम नजूल, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ प्रथम, भारी पुलिस फोर्स और पीएसी बल शामिल था।