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    Navratri 2022: शारदीय नवरात्र की Ashtami पर पूजी जा रहीं माता महागौरी, लग रहे जयकारे

    By Jagran NewsEdited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 03 Oct 2022 10:15 AM (IST)

    Navratri 2022 शारदीय नवरात्र अब अंतिम सोपान की ओर अग्रसर है। हर ओर आस्था की बयार बह रही है। शहर से लेकर अंचल तक मां के दरबार भक्तों से भरे हैं। सोमवार को अष्टमी पर माता महागौरी का पूजन किया जा रहा है। प्रयागराज प्रतापगढ़ में पूजन की धूम है।

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    Navratri 2022 नवरात्र की महाअष्टमी पर प्रयागराज व आसपास के इलाकों में महागौरी के पूजन को भक्‍त उमड़ पड़े हैं।

    प्रयागराज, जेएनएन। शारदीय नवरात्र में इन दिनों देवी मंदिरों से लेकर घरों तक आस्‍था की गंगा बह रही है। प्रयागराज परिक्षेत्र यानी प्रयागराज के साथ ही प्रतापगढ़ और कौशांबी जनपदों में पूजा-अर्चना की धूम है। आज सोमवार को महाअष्‍टमी के दिन देवी मंदिरों में सुबह से भक्‍तों की भीड़ मां के पूजन-अर्चन को जुटी है। मां के जयकारे से मंदिर परिसर गूंज उठे हैं। धार्मिक आयोजनों की भी धूम है।

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    सिद्धपीठों समेत देवी मंदिरों में उमड़े भक्‍त : शारदीय नवरात्र अब अंतिम सोपान की ओर अग्रसर है। हर ओर आस्था की बयार बह रही है। शहर से लेकर अंचल तक मां के दरबार भक्तों से भरे हैं। सोमवार को अष्टमी पर माता महागौरी का पूजन किया जा रहा है। प्रयागराज के सिद्धपीठ मां अलोपशंकरी देवी मंदिर, मां कल्‍याणी देवी, मां ललिता देवी, खेमा माई, मां वैष्‍णो देवी समेत सभी देवी मंदिरों में मां की एक झलक पाने को लोग आतुर हैं।

    प्रतापगढ़ के बेल्‍हा देवी धाम से जुड़ी पौराणिक मान्‍यता : प्रतापगढ़ नगर के बेल्हा देवी धाम समेत मंदिरों में लोग दर्शन को पहुंच रहे हैं। महागौरी देवी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। मान्‍यता है कि इनकी पूजा के कारण ही वैदेही को प्रभु श्री राम वर के रूप में मिले थे। इनकी वंदना इस तरह की जाती है, माहेश्वरी वृषारूढा कौमारी शिखिवाहना। लक्ष्मी पद्मासना देवी पद्म हंसता हरि प्रिया। श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृषवाहना वाहना, ब्राह्मी हंस समारुढ़ा सर्वाभरण भूषित:। इत्येत मातर: सर्वा सर्व योग समन्विता:।

    आचार्य आलोक बोले, महागौरी भक्‍तों पर करती हैं कल्‍याण : आचार्य आलोक बताते हैं कि आदिशक्ति माता की तपस्या करने के कारण उनका शरीर एकदम कपूर के समान गौर वर्ण हो गया। विदेह राज की सुपुत्री वैदेही ने माता महागौरी की पूजा अर्चना की थी। इसके कारण भगवान श्रीमन्नारायण के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम उन्हें मिले। माता महागौरी बड़ी ही दयालु करुणा की सागर एवं भक्तों को आशीष देने वाली हैं। जो भी भक्त अष्टमी के दिन दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष की कन्या की पूजा-अर्चना करता है, उन्हें पूरी खीर आदि खिलाकर एवं शरबत आदि पिलाकर दान दक्षिणा देता है तो माता महागौरी उस भक्त पर प्रसन्न होकर उसके मंगलमय जीवन के लिए सदा उसका कल्याण करती हैं।

    देवी मंदिरों के आसपास पुलिसकर्मी मुस्‍तैद : जनपद में मंदिरों व घरों के साथ पांडालों में भी मां का पूजन किया जा रहा है। जयकारे लग रहे हैं। शाम को पंडालों व मंदिरों में और भीड़ होगी। देवी मंदिरों के आसपास सुरक्षा को लेकर सादे ड्रेस में भी पुलिस कर्मी तैनात हैं।

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