Health Tips: सहजन की पत्तियाें से बनी मोरिंगा टी है बहुत गुणकारी, आप जानिए इसके फायदे
मोरिंगा टी ग्रीन टी का ही दूसरा रूप है। इसे बनाना भी काफी आसान है। रात में एक कप पानी में सहजन की 15-20 पत्तियां भिगो दें। सुबह उसे पत्तियों सहित उबाल लें। जब पानी की मात्रा आधी रह जाए तो उसे छान कर ठंडा करके पीएं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सहजन को स्थानीय भाषा में कहीं-कहीं मुनगा भी कहते हैं। इसके पेड़ की पत्तियां भी सेहत की रखवाली करती हैं। प्रयागराज के झूंसी स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में कार्यरत डा. श्वेता सिंह मोरिंगा टी (सहजन के पत्तियां की चाय) के रूप में अनोखी मुहिम चला रही हैं। कहती हैं कि दिन की शुरुआत सुबह मोरिंगा टी से हो तो पेट का मेटाबालिज्म ठीक रहता है। शरीर को अन्य प्रोटीन और विटामिन भी मिलते हैं। डा. श्वेता अपनी ओपीडी में आने वाले प्रत्येक रोगियों के दवा के पर्चे पर मोरिंगा टी का सुझाव लिखती हैं।
ग्रीन टी का दूसरा रूप है मोरिंगा टी : मोरिंगा टी, ग्रीन टी का ही दूसरा रूप है। इसे बनाना भी काफी आसान है। रात में एक कप पानी में सहजन की 15-20 पत्तियां भिगो दें। सुबह उसे पत्तियों सहित उबाल लें। जब पानी की मात्रा आधी रह जाए तो उसे छान कर ठंडा करके पिएं। इसमें चीनी या नमक मिलाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
डा. श्वेता कहती हैं- पेट में एसिडिटी दूर करेगा : डा. श्वेता कहती हैं कि मोरिंगा टी से उन्हें गैस्टोराइटिस यानी पेट में एसिडिटी बीते आठ वर्ष से महसूस भी नहीं हुई। वह इस चाय को प्रत्येक सुबह पीती हैं। उनके सुझाव पर सैकड़ों लोग सहजन की पत्तियों की चाय बनाकर पीने लगे हैं। दवा के पर्चे पर पीछे की ओर मोरिंगा टी का सुझाव रोगियों और उनके तीमारदारों को भी पसंद आने लगा है। झूंसी ही नहीं, दूसरे जिलों में भी लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
सहजन की पत्तियों का वैज्ञानिक नाम है मोरिंगा : मोरिंगा दरअसल सहजन की पत्तियों का वैज्ञानिक नाम है। इसे आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पत्तियां बेहद गुणकारी होती हैं। आयुर्वेद में सहजन की पत्तियाें को अमृत सम कहा गया है यानी यह सेहत का खजाना भी हैं। कहा जाता है कि सहजन का पेड़ जड़ से लेकर फल फूल तक बेहद गुणकारी होता है।
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