ये है प्रयागराज का Postmortem House... जहां कीचड़ और गंदगी से प्रतिदिन होता है लोगों का सामना
एसआरएन अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक बोले कि जिला प्रशासन से पत्राचार किया गया है। पोस्टमार्टम कराने आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है वर्षा का ...और पढ़ें

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाद प्रयागराज दूसरा सबसे महत्वपूर्ण जिला माना जाता है। फिर भी यहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में बदहाली है, जिससे अफसरों ने आंखें फेर ली हैं। पोस्टमार्टम हाउस के मुख्य रास्ते व गेट पर कीचड़, गंदगी, दुर्गंध ऐसी है कि वहां पांच मिनट खड़े हो पाना मुश्किल है। अपने घर के सदस्य की मौत के बाद पोस्टमार्टम कराने आने वाले लोगों को भी यहां कई तरह की परेशानी होती है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उदासीनता : स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने रास्ता बनवाने के लिए प्रयास करना भी छोड़ दिया है। पोस्टमार्टम हाउस के रास्ते की बदहाली करीब एक वर्ष से है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के चलते पूरी सड़क उखाड़ दी गई थी। भूमिगत सीवर पाइप बिछाने के बाद सड़क पर गिट्टी डालकर ठेकेदार भाग निकला। जबकि पोस्टमार्टम हाउस के बाहर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए जगह का निर्धारण ही नहीं हो सका। जो स्थिति एक वर्ष पहले थी वही आज भी है। गेट के बाहर और परिसर में भी कीचड़ है, वर्षा का पानी जगह-जगह भरा होने के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है।
क्या कहते हैं लोग : गंगापार के सराय इनायत से आए मंसूर अहमद ने कहा कि परिवार में एक सदस्य के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए दो घंटे से खड़े हैं। कहीं ऐसी जगह नहीं है कि थोड़ी देर बैठ लें। वह शेड भी गंदगी से पटा है जहां थोड़ी देर लोग बैठ लेते थे। कहा कि ऐसी कोई व्यवस्था भी नहीं है कि दोपहर में यहां कुछ खा पी सकें।
क्या बोले, एसआरएन अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक : एसआरएन अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. अजय सक्सेना ने कहा कि जिला प्रशासन से पत्राचार किया गया है। पोस्टमार्टम कराने आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है, वर्षा का सीजन भी है। कहा कि जल्द ही एसटीपी के लिए जगह निर्धारित हो जाएगी तो पोस्टमार्टम हाउस का रास्ता भी बनवा दिया जाएगा।

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