मेट्रो का डीपीआर शासन के हवाले, अब स्वीकृति का इंतजार
मेट्रो की योजना सपा शासनकाल में बनी थी। तीन चरणों में मेट्रो का कार्य होगा। इसका डीपीआर शसन के हवाले कर दिया गया है। स्वीकृति मिलने पर कार्य शुरू हो जाएगा।
प्रयागराज : शहर में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने के लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की तरफ से संशोधित डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराकर शासन को भेज दिया गया है। हालांकि मेट्रो ट्रेन कितनी जल्द यहां दौडऩे लगेगी, यह अब शासन की मंशा पर निर्भर है। शासन से डीपीआर की स्वीकृति मिलने पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
सपा शासनकाल में बनी थी मेट्रो की योजना
प्रयागराज में मेट्रो टे्रन चलाने की योजना सपा शासनकाल में बनी। रूटों का सर्वे, डीपीआर आदि तैयार करने के लिए दिल्ली की संस्था 'राइट्स' का चयन किया गया। पहले चरण के लिए फाफामऊ में शांतिपुरम से नैनी और बमरौली से झूंसी में अंदावा तक कुल 42 किमी का रूट तय हुआ। इन रूटों पर प्रत्येक एक किमी की दूरी पर स्टेशन प्रस्तावित किए गए। इसके बाद प्राधिकरण ने डीपीआर बनाकर शासन को भेजा लेकिन उसमें कुछ संशोधन के लिए कहा गया। संशोधित डीपीआर भी भेज दिया गया है। वहीं, कुंभ मेला भी खत्म हो गया है। ऐसे में शासन की ओर से अब मेट्रो योजना में तेजी आने की उम्मीद है।
तीन चरणों में होगा मेट्रो का कार्य
उल्लेखनीय है कि कुंभनगरी में तीन चरणों में मेट्रो का काम होना है। हम पहले चरण का जिक्र ऊपर कर ही चुके हैं। दूसरे चरण में हाईकोर्ट से एमएनएनआइटी के बीच 7.5 किमी. और तीसरे चरण में अंदावा से भागीपुर, नैनी से करछना और शांतिपुरम से कासारी को मेट्रो से जोडऩे की योजना है। मुख्य अभियंता ओपी मिश्र का कहना है कि डीपीआर शासन को भेजा जा चुका है। स्वीकृति मिलने पर आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
बजट में 150 करोड़ का प्रावधान भी
सात फरवरी को योगी सरकार ने बजट में प्रयागराज के अलावा वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर और झांसी में मेट्रो रेल के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है।