उमेश पाल हत्याकांड को लखनऊ के बिल्डर ने किया था फाइनेंस, दिए थे 1 करोड़ 20 लाख रुपये
बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह और उनके दो सरकारी गनर की प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी। जिसकी जांच एसटीएफ कर रही है। पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड को फाइनेंस लखनऊ के एक बिल्डर ने किया था।

जासं, प्रयागराज: बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की नृशंस हत्या के मामले में तफ्तीश कर रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है। पता चला है कि हत्याकांड के लिए लखनऊ के एक बिल्डर ने फाइनेंस किया था।
1 करोड़ 20 लाख की धनराशि
वारदात से करीब 15 दिन पहले माफिया अतीक का बेटा असद करीब एक करोड़ 20 लाख रूपये लेकर फार्च्यूनर कार से प्रयागराज आया था। यहां उसने सदाकत, गुलाम समेत अन्य के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद फिर लखनऊ चला गया था और 22 फरवरी को वापस प्रयागराज आया था।
सदाकत ने मुहैया कराए थे हथियार
ऐसी जानकारी मिलने के बाद एसटीएफ की टीम सच्चाई का पता लगा रही है। जमीनी स्तर पर मास्टर प्लान तैयार करने वाला गुलाम ही था। हथियार, गोली और बम मुहैया कराने की जिम्मेदारी सदाकत पर थी। उसने ही बिहार के एक माफिया के करीबी से बात करके असलहा उपलब्ध करवाया था। इसके बाद हत्याकांड की योजना पर अमल करने की योजना बनाई गई थी।
प्लान वन को करना पड़ा था कैंसिल
यह भी कहा जा रहा है कि असद अपने एक साथी के साथ फार्च्यूनर कार से यहां आया था। कार भी उसी बिल्डर की थी, जिसने फाइनेंस किया था। प्लान के मुताबिक, उमेश पाल को कचहरी से ही घेरेबंदी करनी थी, लेकिन वकीलों के बीच में होने के कारण प्लान वन को रोक दिया गया। प्लान बी पर सभी ने ध्यान केंद्रित किया और गुलाम उमेश पाल के घर के बाहर स्थित दुकान पर पहुंच कर इंतजार करने लगा।
उमेश पाल की हत्या
जैसे ही विजय चौधरी उर्फ उस्मान ने फायरिंग शुरू की, बाकी लोग भी हमलावर हो गए। हालांकि उमेश शूटर के लड़खडाने और उमेश के भागने की कोशिश ने असद को हैरान कर दिया, जिसके चलते असद ने कार से उतरकर मोर्चा संभाला और ताबड़तोड़ फायरिंग की। हत्याकांड से कुछ घंटे पहले ही सभी को मोटी रकम दी गई थी, ताकि वह सुरक्षित ठिकाने तक पहुंच जाएं।
अतीक का बेहद खास है बिल्डर
बिल्डर माफिया अतीक का बेहद खास है। वह पहले खुद जमीन का काम करता था लेकिन कुछ कारणों से परेशान हुआ तो बिहार चला गया। वहा एक पूर्व विधायक की मदद से प्रभावशाली हुआ लेकिन वक्त के साथ दिन खराब हुए तो तत्कालीन विधायक ने साथ छोड़ दिया।
करोड़ों की संपत्ति पर किया कब्जा
इसके बाद बिल्डर पर माफिया ने हाथ रख दिया, जिसके बाद उसने खूब तरक्की की। लखनऊ के साथ ही प्रयागराज और आसपास के जिले में माफिया के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति पर कब्जा जमाया। बिल्डर के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हैं।
उमेश ने दर्ज कराया था धोखाधड़ी का केस
उमेश पाल भी उसके विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। इसके बाद ही अतीक गैंग से अदावत बढ़ती गई। बिल्डर की तमाम विवादित जमीनों पर उमेश ने कब्जे का प्रयास किया था, जिस कारण बिल्डर ने हत्याकांड के लिए फाइनेंस किया था। ताकि उसे ज्यादा नुकसान न हो सके।
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