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प्रयागराज में लोक पर्व लोक स्वर कार्यशाला आयोजित, सोहर और पचरा की धुन से बांधा समां

आयोजन के दौरान फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल ने लोकगीतों का प्रशिक्षण दे रही प्रशिक्षिका मुरगुला देवी व अंजली भारद्वाज को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कहा कि यह कला के साथ ही देश की संस्कृति को जीवन देने जैसा कार्य है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 11:45 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 11:45 AM (IST)
प्रयागराज में लोक पर्व लोक स्वर कार्यशाला आयोजित, सोहर और पचरा की धुन से बांधा समां
लोक पर्व-लोक स्वर के तहत संगीत समिति के सहयोग से आयोजित कार्यशाला का आयोजन किया गया।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की पहल पर लोक पर्व-लोक स्वर के तहत संगीत समिति के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में लोक रंग की धाक जमी। लोक पर्व-लोक स्वर कार्यशाला में नव वर्ष की भी धूम रही। सोहर-पचरा की धुन ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक झूम उठे। नव वर्ष पर केंद्र के शिल्प हॉट प्रांगण में पारंपरिक ठेठ लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई। 

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समारोह की मुख्य अतिथि सांसद फूलपुर केशरी देवी पटेल रहीं। कार्यक्रम के आरंभ में केंद्र के  प्रशासनिक अधिकारी अनूप बिहारी लाल व सलाहकार तथा पूर्व लेखाधिकारी नरेन्द्र सिंह ने सांसद को स्मृति चिह्न व शाल देकर सम्मानित किया। उसके बाद दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत की गई। 

प्रशस्ति पत्र देकर हुआ सम्मान

इस आयोजन के दौरान फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल ने लोकगीतों का प्रशिक्षण दे रही प्रशिक्षिका मुरगुला देवी व अंजली भारद्वाज को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कहा कि यह कला के साथ ही देश की संस्कृति को जीवन देने जैसा कार्य है। दुर्भाग्य है कि लोकरंग अब हमारे बीच से खत्म सा हो रहा है। इससे नई पीढ़ी हो अनिवार्य रूप से जोडऩा चाहिए। सिर्फ जोडऩा ही नहीं रुचि भी पैदा करने का दायित्व हम सब का है। बिना लोक रंग के जीवन बदरंग हो जाता है। इस बात को समझना होगा। हमारे देश में जितनी कलाएं हैं सभी वैज्ञानिक हैं। उनका कुछ न कुछ संदेश भी है। इसे समझ कर यदि करेंगे तो बेहतर नतीजे भी मिलेंगे। 

प्रस्तुतियों ने मोहा मन

कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागियों ने लोकगीतों की प्रस्तुति दी। पचरा देवी गीत 'निमिया के डारि मइया झूले ली झुलनवा' व सोहर 'बाजति आवै सरंगिया, बरहउ जोड़ी बाजन हो' की धुन से दर्शकों के अंदर एक अलग ही आनंद का संचार हुआ। ग्रामीण गीतों की फुहार से वातावरण संगीतमय हो गया। कार्यशाला में बॉलीवुड गायक रोशन पांडेय रोशी द किंग का विशेष सहयोग रहा।


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