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    Letter Boxes: डिजिटल युग में अस्तित्व खो चुके हैं लेटर बाक्स, विभाग भी नहीं दे रहा ध्‍यान

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Mon, 06 Sep 2021 01:44 PM (IST)

    Letter Boxes यूपी के प्रतापगढ़ जिले में लेटर बाक्‍स की स्थिति से आपको रूबरू कराएं। यहां रस्सी व तार के सहारे लटका दिए गए हैं। शहर के कई स्थानों पर रखे ...और पढ़ें

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    कई जगह लेटर बाक्स अपनी पहचान मिटा चुके हैं। इससे लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।

    प्रयागराज, जेएनएन। आपको लेटर बाक्‍स तो याद है न। आप छोटे थे तो शायद माता और पिता आपके हाथ में चिट्ठी देकर उसे पोस्‍ट करने के लिए कहते थे। अब वह बीते समय की बात हो चुकी है। आज तो हाईटेक युग है। इस डिजिटल दौर में मोबाइल, इंटरनेट मीडिया आदि के माध्‍यम से ही हजारों किमी दूर बैठे लोगों से सेकेंडों में बात हो जाती है, हाल-चाल मिल जाता है। ऐसे में डाक विभाग के लेटर बाक्स का कोई मायने नहीं रह गया है। हालांकि अभी भी इसका प्रयोग होता है।

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    प्रतापगढ़ जिले के लेटर बाक्‍सों की दशा

    आइए आपको ले चलते हैं यूपी के प्रतापगढ़ जिले में। यहां लेटर बाक्‍स की स्थिति से आपको रूबरू कराएं। यहां रस्सी व तार के सहारे लटका दिए गए हैं। शहर के कई स्थानों पर रखे गए लेटर बाक्स का आधा हिस्सा गायब है। ग्राहक डाक डालें तो कहां डालें। डाक विभाग के अफसरों की लापरवाही का आलम यह देखिए कि वह निरीक्षण करने डाकघरों में जाते हैं, लेकिन उनकी नजर उस ओर नहीं पड़ती। कहीं-कहीं तो लेटर बाक्स अपनी पहचान मिटा चुके हैं। इससे ग्राहकों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।

    लोगों की सुविधा के लिए है लेटर बाक्‍स

    ग्राहकों की सहूलियत के लिए प्रधान डाकघर, उप डाकघर व सभी शाखा डाकघरों में लेटर बाक्स रखा गया है। इसके पीछे मकसद यह है कि अगर ग्राहकों को कोई पत्र आदि कहीं भेजना हो तो उनको डाकघर खुलने का इंतजार न करना पड़े। बाक्स में डाक डालने के बाद उसे डाक कर्मी निकालकर जमा कर देते हैं। इसके बाद वह डाक निर्धारित जगहों पर भेज देते हैं।

    ...यहां तार के सहारे लटका है लेटर बाक्‍स

    दैनिक जागरण की पड़ताल में डाक विभाग की पोल खोल गई। जिम्मेदारों की मनमानी की यह आलम है कि डिजिटल दौर में लेटर बाक्स अपनी पहचान खो चुके हैं। शहर के महुली मंडी के पास माधोगंज उप डाकघर में लेटर बाक्स ही नहीं है। पूछने पर डाक कर्मी ने बताया कि खराब होने पर उसे जमा कराया, लेकिन अभी तक दूसरा बाक्स नहीं मिला। इसी तरह से विकास भवन के सामने अफीम कोठी की दीवार पर जर्जर बाक्स को तार के सहारे कर्मियों ने लटका दिया है। वह जर्जर है। डाक डालने पर वह सुरक्षित नहीं रहेगा। इसलिए कोई उसमें डाक नहीं डालता। इसी तरह से शहर के चौक में लेटर बाक्स जर्जर हो चुका है। मजदूर उस पर बैठकर दिन व्यतीत करते हैं। इसी तरह का हाल अन्य कई जगहों पर मौजूद लेटर बाक्स का है। प्रवर डाक अधीक्षक नरसिंह बहादुर ने बताया कि जल्द ही सब ठीक करा दिया जाएगा।