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    UDISE Portal पर प्रयागराज के स्‍कूलों को संसाधन अपलोड करने को 5 जुलाई तक मौका, क्‍या है यह पोर्टल

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Sat, 02 Jul 2022 07:49 AM (IST)

    यू-डायस पोर्टल पर यूपी बोर्ड के सभी शासकीय अशासकीय वित्त पोषित विद्यालयों के साथ सीबीएसई आइसीएसई मदरसा बोर्ड संस्कृत बोर्ड और परिषदीय स्कूलों को अपना डेटा अपलोड करना है। इसमें शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या सहित सभी विवरण देना है।

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    यू-डायस पोर्टल पर नगर के 163 स्कूलों ने संसाधनों का विवरण नहीं दिया। अपलोड को 5 जुलाई तक मौका है।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम फार एजूकेशन (यू-डायस) पोर्टल पर अपने संसाधनों की सूचना प्रत्येक विद्यालय को देनी है। यू-डायट पर डेटा अपलोड करने की अंतिम तिथि 30 जून थी। इसे बढ़ाकर पांच जुलाई कर दिया गया है। प्रयागराज में नगर क्षेत्र के 163 स्कूलों ने अब तक कोई जानकारी नहीं दी है। यदि इन्होंने निर्धारित समय में विवरण नहीं दिया तो मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई हो सकती है। डीआइओएस और बीएसए इस संबंध में निरंतर हिदायत जारी कर रहे हैं।

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    पोर्टल पर किन स्‍कूलों को डेटा अपलोड करना है : यू-डायस पोर्टल पर यूपी बोर्ड के सभी शासकीय, अशासकीय, वित्त पोषित विद्यालयों के साथ सीबीएसई, आइसीएसई, मदरसा बोर्ड, संस्कृत बोर्ड और परिषदीय स्कूलों को अपना डेटा अपलोड करना है। इसमें शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या सहित सभी विवरण देना है।

    प्रयागराज नगर क्षेत्र के 530 स्‍कूलों ने विवरण अपलोड किया : नगर क्षेत्र के 693 विद्यालयों में से 530 स्कूल ही विवरण अपलोड करने की प्रक्रिया में अब तक शामिल हुए हैं।

    क्‍या है यू-डायस कोड : नगर शिक्षाधिकारी प्रज्ञा सिंह ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय को एक यू-डायस कोड दिया जाता है। वह विद्यालय की पहचान होता है। शासकीय योजनाओं के बनने और लागू करने में भी इस डेटा की अहम भूमिका होती है। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में भी यह डेटा उपयोगी है। सभी स्कूलों के लिए एक डेटा कैप्टर फार्मेट फार्म दिया गया है। इस फार्म में स्कूल को अपना प्रोफाइल, स्टाफ, छात्र संख्या, रिजल्ट, आय और खर्च, सुरक्षा के इंतजाम का ब्योरा भरना है।

    51 पेज का है फार्म : डीहा बगरहा के शिक्षक अभिषेक कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष डेटा कैप्चर फार्म 40 पेज का था। इस बार अधिक विवरण मांगे जा रहे हैं। कुल 51 पेज का फार्म है। इस बार शिक्षकों की ट्रेनिंग और कायाकल्प से जुड़े काम के कालम भी शामिल किए गए हैं। कई निजी स्कूल आय और खर्च का ब्यौरा देने से बच रहे हैं। यही वजह है कि डेटा अपलोड करने में विलंब हो रहा है।