जानिए आरएसएस कैसे बना सेवा, समर्पण और अनुशासन का सबसे बड़ा संगठन Prayagraj News
50 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक नियमित रूप से शाखाओं में आते हैं। लगभग 60000 दैनिक शाखाएं पूरे देश भर में चलती हैं जिनमें 1 घंटे तक शारीरिक बौद्धिक के कार्यक्रम तथा प्रार्थना होती है देश की हर तहसील और 100000 गांव में शाखाओं का विस्तार हो चुका है।
प्रयागराज, जेएनएन। विजयदशमी विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना का भी दिन है। 22 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉक्टर केशव राव बलीराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। यह संगठन आज विशाल वटवृक्ष का रूप धारण कर चुका है। कई विश्वविद्यालयों में संघ की कार्यपद्धति एवं इसकी सफलता पर शोध कार्य भी हो रहे हैं। तमाम देशी विदेशी पत्रकार, समाज वैज्ञानिक तथा चिंतक अपने अपने ढंग से संघ को समझने में लगे हुए हैं। यह कहना है प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. मुरार जी त्रिपाठी का। उन्होंने बताया कि दुनिया के 80 से अधिक देशों में संघ के कार्य तेजी से चल रहे हैं। एक करोड़ से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवक संघ के पास है जो किसी भी प्राकृतिक आपदा या राष्ट्रीय संकट के समय अपनी सेवाएं देश को देने के लिए तैयार रहते हैं । 50 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक नियमित रूप से शाखाओं में आते हैं लगभग 60,000 दैनिक शाखाएं पूरे देश भर में चलती हैं जिनमें 1 घंटे तक शारीरिक बौद्धिक के कार्यक्रम तथा प्रार्थना होती है देश की हर तहसील और 100000 गांव में शाखाओं का विस्तार हो चुका है।
संघ के 80 से ज्यादा आनुषंगिक संगठन
देश के भीतर संघ के 80 से ज्यादा संगठन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। इनमें भारतीय मजदूर संघ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय श्रमिक संगठन है। विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी अशासकीय संस्था के रूप में अपना स्थान बना चुकी है। 30000 विद्यालय इसके देश भर में चल रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में छात्र तथा शिक्षक राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत होकर पठन-पाठन संचालित कर रहे हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में भारतीय जनता पार्टी है। यह सदस्यता के मामले में दुनिया के सबसे बड़े दल के रूप में अपना स्थान बना चुकी है। इसी तरह भारतीय किसान संघ, राष्ट्र सेवा समिति, राष्ट्रीय सेवा भारती, स्वदेशी जागरण मंच, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, राष्ट्रीय सिख संगत, अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ, सामाजिक समरसता मंच, हिंदू जागरण मंच, संस्कृत भारती, दधिचि देह दन समिति तथा हिंदू जागरण मंच जैसे प्रभावी संगठन अपनी अपनी भूमिका का प्रभावी ढंग से निर्वहन कर रहे हैं। इसके अलावा भी इसके कई आनुषंगिक संगठन क्षेत्रीय प्रभाव रखते हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में संघ के ही एक संगठन राष्ट्रीय सेवा भारती सेवा कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हो चुकी है।
डॉ हेडगेवार ने साथियों को एकत्र कर कहा संघ की स्थापना कर रहे और शुरू हो गया संघ
संघ की स्थापना अन्य संगठनों की तरह नहीं हुई। सामान्य तौर पर संगठन स्थापित करने वाले पहले इकट्ठा होते हैं। पदाधिकारियों का चयन या चुनाव करते हैं। संस्था का संविधान बनाते हैं और संस्था चलाने के लिए आवश्यक धन संग्रह का प्रबंध करते हैं। संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार ने ऐसा कुछ नहीं किया। 1925 की विजयदशमी के दिन उन्होंने अपने 10-20 मित्रों को एकत्रित कर कहा कि हम लोग आज से संघ की स्थापना कर रहे हैं। बस संघ शुरू हो गया। संघ का नाम भी तब तक नहीं हुआ था। देश को आजादी दिलाने तथा बिखरे हुए हिंदू समाज को संगठित करने के उद्देश्य से उन्होंने इस संगठन का बीजारोपण किया। इस संगठन को चलाने के लिए उनके पास न तो कोई साधन था ना पैसा था ना किसी नामी-गिरामी नेता की छत्रछाया। उनके पास राष्ट्र उत्थान की आंतरिक लगन तथा संकल्पित कार्य को सफल बनाने का एक दृढ़ निश्चय था। अपनी श्रद्धा संकल्प एवं कठोर परिश्रम के बल पर उन्होंने इतने बड़े संगठन का बीजारोपण किया।
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