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    Narendra Giri News: जानिए महंत नरेंद्र गिरि कहां के मूल निवासी थे और कौन हैं उनके परिवार में

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Wed, 22 Sep 2021 10:41 AM (IST)

    महंत नरेंद्र गिरि चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बाकी तीन भाई अशोक कुमार सिंह अरविंद कुमार सिंह और आनंद सिंह हैं। उनके दो भाई शिक्षक हैं जबकि तीसरे भाई के बारे में बताया गया कि वह होमगार्ड विभाग में हैं। भयाहू आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं।

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    महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद लोग दुखी और स्तब्ध हैं, उनके गांव में भी गम छाया है

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। देश भर के साधु संतों के मुखिया महंत नरेंद्र गिरि पिछले दो दशक से लगातार सुर्खियों में रहे हैं और सोमवार से उनका नाम फिर सुर्खियों में है लेकिन दुखद वजह से। उनकी संदिग्ध मौत का मामला जांच के दायरे में है। सभी स्तब्ध हैं और जानना चाह रहे हैं कि आखिर सच क्या है। इसके साथ ही लोगों में नरेंद्र गिरि के बारे में और जानने की उत्सुकता भी है। आइए जानते हैं कि नरेंद्र गिरि का जन्म कहां हुआ, मूल रूप से कहां के रहने वाले थे महंत नरेंद्र गिरि और उनके परिवार में कौन-कौन हैं।

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    प्रयागराज में छतौना गांव के थे मूल निवासी

    नरेंद्र गिरि प्रयागराज में ही गंगापार इलाके में सराय ममरेज के छतौना गांव के मूल निवासी थे। उनका असली नाम नरेंद्र सिंह था। करीबी लोगों ने बताया कि उनके पिता भानु प्रताप सिंह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य रहे हैं। नरेंद्र ने स्थानीय बाबू सरजू प्रसाद सिंह इंटर कालेज से हाई स्कूल की पढ़ाई की थी। 

    चार भाई में दूसरे नंबर पर थे महंत

    महंत नरेंद्र गिरि चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बाकी तीन भाई अशोक कुमार सिंह, अरविंद कुमार सिंह और आनंद सिंह हैं। उनके दो भाई शिक्षक हैं जबकि तीसरे भाई के बारे में बताया गया कि वह होमगार्ड विभाग में हैं। भयाहू आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं। उनकी दो बहन प्रतापगढ़ में ब्याही हैं। संन्यासी जीवन में आने के बाद से उनका गांव आना जाना तो नहीं रहा लेकिन गांव के लोगों से लगाव बना रहा। इलाके में होने वाले प्रमुख कार्य़क्रम में वह शिरकत करने जाते थे। प्रतापपुर के स्कूल में हुए शैक्षिक आयोजन में वह 2006 और 2010 में बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए थे।  

    गम में डूबे ग्रामीण और परिवार के लोग

    महंत नरेंद्र गिरि के दुखद निधन की खबर से भक्त और संत समाज तो दुखी है ही, उनके परिवार और गांव के लोग गहरे गम में डूबे हैं। गांव और परिवार से कई लोग रात में ही श्री मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंच गए थे। सुबह प्रतापगढ़ से बहन भी आ गईं। परिवार के लोग इस आकस्मिक घटना से स्तब्ध हैं।

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