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खोखा राय का ठंडा दही बड़ा जो खाया फिर भूल नहीं पाया, आपने भी लिया क्या इसका लजीज स्वाद

शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क (कंपनीबाग) के मुख्य द्वार के बगल ही ठेले पर यह दुकान लगती है। वर्ष 1951 में खोखा राय ने यहां ठंडा दही-बड़ा बेचना शुरू किया। सिर पर वह लाल रंग की टोपी लगाते थे। इसलिए ठेले पर उन्होंने लाल रंग का खोखा लगा लिया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 07:14 PM (IST)
खोखा राय का ठंडा दही बड़ा जो खाया फिर भूल नहीं पाया, आपने भी लिया क्या इसका लजीज स्वाद
ठेले पर मिलने वाला मशहूर खाेखा राय का ठंडा दही बड़ा आज भी लोगों का पसंदीदा है

प्रयागराज, जेएनएन। सिविल लाइंस अपने इतिहास के साथ ही स्वाद के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां ठेले पर मिलने वाला सात दशकों से मशहूर खाेखा राय का ठंडा दही बड़ा आज भी लोगों का पसंदीदा है। इसकी लाजवाब खुशबू हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। उड़द के दाल से नमकीन बड़ा तैयार किया जाता है। इसमें मेवों का भी इस्तेमाल होता है। इसे जब दही के बीच से निकालकर दिया जाता है कि इसका स्वाद गजब का हो जाता है। गर्मी के मौसम में इसके सेवन से पेट तो ठंडा होता ही है, साथ ही पाचन तंत्र भी ठीक रहता है।

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कंपनी बाग के सामने ठेले पर सात दशक से लोग ले रहे स्वाद

शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क (कंपनीबाग) के मुख्य द्वार के बगल ही ठेले पर यह दुकान लगती है। वर्ष 1951 में खोखा राय ने यहां ठंडा दही-बड़ा बेचना शुरू किया। सिर पर वह लाल रंग की टोपी लगाते थे। इसलिए ठेले पर उन्होंने लाल रंग का खोखा लगा लिया। कुछ ही दिन में यही पहचान बन गया। खोखा राय ने भी ठेले पर नाम लिखवाया खोखा राय का दही-बड़ा। खोखा राय के इस दही-बड़ा ने पूरे शहर में अपना ऐसा चटपटा स्वाद छोड़ा कि लोग इसे चखने के लिए जरूर यहां आते थे। इन दही-बड़ा में कुछ ऐसा है कि एक प्लेट से किसी का मन ही नहीं भरता।

पिता से सीखा और फिर जमा लिया श्याम कुमार ने भी दही बड़ा बनाने में हाथ

खोखा राय के पुत्र श्याम कुमार बताते हैं कि पिता के साथ वह ठेले पर रहते थे। उनके पिता ने सब कुछ उन्हें सिखाया। उनकी मृत्यु के बाद जब उन्होंने इसे संभाला तो शुरुआत के समय में कुछ दिक्कत हुईं, लेकिन धीरे-धीरे सब सही हो गया। बताते हैं कि उड़द की दाल से तैयार बड़े में मेवा मिलाते हैं। इसके बाद तेल में इसे तला जाता है। खोखा में रखी दही में इसे डूबो दिया जाता है। दही ठंडी रहे, इसके लिए बर्फ मिलाया जाता है। दही-बड़ा के ऊपर काली मिर्च, काला नमक, जीरा, पिसी मिर्च का छिड़काव करने के बाद अमावट की चटनी डाली जाती है। तैयार होने के बाद एक बार फिर ऊपर से ठंडी दही डालकर ग्राहकों को दिया जाता है। गर्मी में यह काफी लाभदायक होता है। इससे ठंडक मिलती है और पेट के लिए यह काफी लाभदायक होता है।


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