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काले हिरणों को बचाने के लिए प्रयागराज में बनेगा चेकडैम, ब्‍लैक बक रिजर्व कंजर्वेशन की बढ़ी सुरक्षा

प्रयागरजा में मेजा के चांद खमरिया व महुली क्षेत्र में फैले वन क्षेत्र में काले हिरणों समेत अन्य वन्य जीवों को पानी उपलब्‍ध कराने के चेकडैम वन विभाग बनवाएगा। 10 हेक्टेयर यानी 40 बीघा में चेकडैम बनेगा। लगभग 60 लाख रुपये की लागत से यह जिले का पहला चेकडैम होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 01:42 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 01:42 PM (IST)
प्रयागराज में मेजा के चांद खमरिया व महुली क्षेत्र में फैले वन क्षेत्र में काले हिरणों के लिए चेकडैम बनेगा।

प्रयागराज, [वीरेंद्र द्विवेदी]। आपको तो पता ही होगा कि प्रयागराज में ब्‍लैक बक रिजर्व कंजर्वेशन है। शहर से करीब 40 किमी दूर यमुनापार इलाके में यह स्थित है। यह काले हिरणों का अभ्‍यारण्‍य है। काले हिरनों को बचाने की कवायद यहां तेज कर दी गई है। इसके लिए वन विभाग ने रिजर्व कंजर्वेशन की सुरक्षा बढ़ा दी है। हिरणों को पानी के लिए भटकना न पड़े, उसके लिए चेकडैम बनाने की तैयारी चल रही है। जुलाई से पहले चेकडैम बनाने की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। वन विभाग ने इसका प्रस्ताव शासन को दो महीने पहले भेज दिया है।

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ब्‍लैक बक रिजर्व कंजर्वेशन की बढ़ाई गई सुरक्षा : उल्‍लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के गुना में पांच काले हिरनों का शिकार करने व शिकारियों से मुठभेड़ में तीन सिपाहियों के बलिदान हो गए थे। ऐसी नौबत प्रयागराज के मेजा में ब्‍लैक बक रिजर्व कंजर्वेशन में न आए, इसके लिए वन विभाग ने मेजा स्थित ब्लैक बक रिजर्व कंजर्वेशन की सुरक्षा के लिए चार स्पेशल टीमों का गठन किया था। रात में निगरानी करने के अलर्ट जारी किया गया है।

ब्लैक बक रिजर्व कंजर्वेशन एक नजर में

- लगभग पांच वर्ष पहले घोषित हुआ था ब्लैक बक रिजर्व कंजर्वेशन

- 565 है काले हिरण की संख्या

- 250 मादा हिरण है

-180 नर हिरण है

- 130 हिरण के बच्चों क संख्या

- 136 एकड़ में है यह एरिया

- 60 लाख रुपये से तैयार किया जाएगा चेकडैम

- 10 हेक्टेयर में बनाने की है योजना

मेजा के चांद खमरिया व महुली क्षेत्र में बनेगा चेकडैम : मेजा के चांद खमरिया व महुली क्षेत्र में फैले वन क्षेत्र में काले हिरणों समेत अन्य वन्य जीवों को पानी के चेकडैम का निर्माण कराया जाएगा। वन विभाग की ओर से 10 हेक्टेयर यानी 40 बीघा में चेकडैम बनाया जाएगा। लगभग 60 लाख रुपये की लागत से जिले का पहला चेकडैम तैयार किया जाएगा।

गर्मी में प्‍यासे जीव बस्‍ती की ओर जाते हैं, शिकारियों का बनते हैं निशाना : वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो गर्मी के दिनों में टोंस और लपरी नदी के सूख जाने के कारण काले हिरण समेत अन्य वन्य जीव प्यास बुझाने बस्ती की ओर भागते हैैं, जहां उनका शिकार कर लिया जाता है। कई बार कुत्तों के झुंड का भी शिकार हो जाते हैैं। यही नहीं भीषण गर्मी में बिन पानी भी वन्य जीव काल के गाल में समा जाते हैैं। चेकडैम बनने से काले हिरणों सहित अन्य वन्य जीवों को पर्याप्त पीने का पानी मिलेगा। इसके अलावा बारिश का पानी भी एक जगह संरक्षित होगा। चेकडैम बनने से मेजा क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

डीएफओ बोले- 10 हेक्टेयर में चेकडैम बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है : प्रयागराज के डीएफओ रमेश चंद्र कहते हैं कि काले हिरण सहित अन्य वन्य जीवों को पानी के लिए परेशान न होना पड़े, इसके लिए 10 हेक्टेयर में चेकडैम बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। चेकडैम बनने से बारिश का पानी संरक्षित होगा। इससे किसान भी बेहतर खेती कर सकेंगे।


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