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नई सूची से फर्जी बाबाओं की संख्या 17, जुड़ा कालनेमि, सच्चिदानंद और त्रिकाल भवंता का नाम

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रस्ताव में वीरेंद्र दीक्षित उर्फ कालनेमि, बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती और महिला संत त्रिकाल भवंता को फर्जी बाबा माना गया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 29 Dec 2017 07:08 PM (IST)Updated: Sat, 30 Dec 2017 07:58 PM (IST)
नई सूची से फर्जी बाबाओं की संख्या 17, जुड़ा कालनेमि, सच्चिदानंद और त्रिकाल भवंता का नाम

इलाहाबाद (जेएनएन)। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तीन और बाबाओं को फर्जी करार दे दिया। दिल्ली के वीरेंद्र दीक्षित उर्फ कालनेमि, बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती और इलाहाबाद की महिला संत त्रिकाल भवंता का नाम शामिल परिषद के उस प्रस्ताव में हैं, जिन्हें फर्जी माना गया है। इसके अलावा अलवर (राजस्थान) के फलाहारी बाबा को अदालत के निर्णय आने तक निलंबित किया गया है। मठ बाघंबरी गद्दी में शुक्रवार को आयोजित 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों की बैठक में यह एलान किया गया।

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धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं 

परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में इस बैठक में सबने इस सूची पर सहमति जताई है। यह भी फैसला लिया गया है कि इन सभी साधु-संतों को संत समाज के किसी भी धार्मिक आयोजन में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वह माघ मेला हो अथवा कुंभ। बाबाओं के खिलाफ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इसके पहले परिषद 14 बाबाओं को फर्जी घोषित कर चुकी है। अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के मुताबिक तीसरी सूची भी तैयार हो रही है जिसे जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। कथित संतों को लेकर किए गए फैसले के अलावा प्रयागराज मेला प्राधिकरण में अखाड़ों की अनदेखी पर भी नाराजगी जाहिर की गई। कुंभ में अखाड़ों को सुविधाएं देने को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए। शुक्रवार को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ज्योतिष पीठ विवाद से किनारा करते नजर आए। उन्होंने कहा कि परिषद सभी संतों का सम्मान करता है। बताया कि परिषद से जुड़े संत और पदाधिकारी स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के अवसर पर उनके साथ रहेंगे।


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