गवाह को जेल भेजने के मामले में प्रयागराज पुलिस ने दर्ज किया कालेज प्रबंधन और प्रोफेसर का बयान
गवाह को फर्जी तरीक से जेल भेजने पीड़िता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने को लेकर मदन यादव और हंडिया थाने के पूर्व इंस्पेक्टर बृजेश सिंह यादव व कई अज्ञात के खिलाफ एफआइआर लिखी गई है। इसी मुकदमे में जार्जटाउन पुलिस ने कालेज प्रबंधन का बयान दर्ज किया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। छात्रा दुष्कर्म और गवाह को जेल भेजने के मामले में अब पुलिस ने सीएमपी डिग्री कालेज के प्रबंधन से जुड़े कर्मचारियों और प्रोफेसर समेत कई का बयान दर्ज किया है। इस दौरान पता चला है कि पूर्व के विवेचक बलवंत यादव व अन्य ने घटना के संबंंध में ठीक से पूछताछ नहीं की थी। सिर्फ इतना ही पूछा गया था कि असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव व दुष्कर्म पीड़िता के बीच क्या संबंध है और कैसे हैं। जबकि उन्होंने कालेज के भीतर हुई मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा, बलवा समेत दूसरे बिंदुओं पर जानकारी व साक्ष्य संकलित नहीं किया था। इस आधार पर यह पाया गया है कि पूर्व के विवेचकों ने मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरती थी। इसके साथ ही दुष्कर्म पीड़िता व उसके गवाह सहित अन्य के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट फाइल की थी।
दो साल से चल रहा है यह मामला
दरअसल, मदन यादव ने जार्जटाउन थाने में दुष्कर्म पीड़िता और उसके गवाह के खिलाफ बलवा, सरकारी कार्य में बाधा सहित आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने उस मुकदमे में आरोप पत्र पेश कर दिया था, लेकिन पीड़िता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। इससे परेशान पीड़िता ने कोर्ट के आदेश पर मदन यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले गवाह के विरुद्ध पहले फूलपुर में फर्जी केस लिखवाया गया और फिर हंडिया थाने में दर्ज मुकदमे में गवाह को फर्जी ढंग से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। गवाह को फर्जी तरीक से जेल भेजने, पीड़िता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने को लेकर जार्जटाउन थाने में मदन यादव और हंडिया थाने के पूर्व इंस्पेक्टर बृजेश सिंह यादव व कई अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआइआर लिखी गई है। इसी मुकदमे में जार्जटाउन पुलिस ने कालेज प्रबंधन का बयान दर्ज किया है।