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    100 वर्ग मीटर में बने मकान का 92 हजार रुपये गृहकर, प्रयागराज नगर निगम की मनमानी

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 15 Jul 2022 03:53 PM (IST)

    प्रयागराज नगर निगम के मुख्यकर निर्धारण अधिकारी ने कहा कि गृहकर अगर गलत आ रहा है तो भवन स्वामियों को परेशान न हों पुराने बिल की रसीद को लेकर कार्यालय आ ...और पढ़ें

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    प्रयागराज के गृहस्‍वामी परेशान न हों, अगर गृहकर गलत आ रहा तो नगर निगम कार्यालय जाएं।

    प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज नगर निगम से गृहस्‍वामी परेशान हैं। 60 से 90 गुना बढ़े गृहकर का बिल आने से गृहस्वामी हैरान हैं। नगर निगम लोगों के घर मनचाहा गृहकर भेज रहा है। इससे परेशान लोग बिल संशोधित कराने के लिए अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए राहत की खबर यह है कि वे पुराने बिल की रसीद लेकर निगम कार्यालय जाएं। वहां सत्‍यापन करके बिल में सुधार किया जाएगा।

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    100 वर्ग मीटर के मकान का 92 हजार गृहकर : प्रयागराज शहर के मालवीय नगर निवासी दीनानाथ भरद्वाज का मकान लगभग 100 वर्ग मीटर में बना है। इनका गृहकर 92 हजार रुपये आया है। एक वर्ष पहले 1200 से 1500 रुपये प्रतिवर्ष गृहकर आता था। कुछ ऐसी ही समस्या राजापुर के देवेंद्र प्रताप की है। इनका घर 120 वर्गमीटर में बना है। प्रतिवर्ष गृहकर 1900 रुपये के करीब आता था। इस बार नगर निगम ने 37 हजार रुपये गृहकर भेज दिया। दीनानाथ, देवेंद्र की तरह हजारों लोगों को 60 से 90 गुना अधिक गृहकर बढ़ाकर भेजा गया है। इससे परेशान लोग नगर निगम के अधिकारियों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समस्या बनी है।

    गृहकर कैसे निर्धारित होता है : नगर निगम की ओर से 1.58 रुपये प्रति वर्ग फीट लिया जाता है। यह कर सर्किल रेट और सड़कों की चौड़ाई के अनुसार निर्धारित किया जाता है। अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग कर लिया जाता है। अधिकतम गृहकर 3.50 रुपये वर्ग फीट है। न्यूनतम 1.40 रुपये वर्ग फीट है। मालवीयनगर की इंदिरा देवी बताती हैं कि उनका मकान लगभग 100 वर्ग मीटर में बना है। इसके लिए 21,793 रुपये का बिल गृहकर का भेजा गया है। गृहकर कैसे इतना बढ़ा उसे बताने को कोई तैयार नहीं है।

    क्‍या कहते हैं नगर निगम के मुख्‍य कर निर्धारण अधिकारी : प्रयागराज नगर निगम के मुख्‍य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी कहते हैं कि गृहकर अगर गलत आ रहा है तो भवन स्वामियों को परेशान होने के जरूरत नहीं है। पुराने बिल की रसीद को लेकर कार्यालय आएं उसका सत्यापन कर बिल में सुधार किया जाएगा। कुछ लोग सालों से बिल नहीं जमा किए होंगे तो उनका अधिक बिल आएगा। किस कारण से अधिक बिल भेजा गया है इसकी जांच कराई जाएगी।