High Court: अनुग्रह नारायण की चुनाव याचिका पर भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेई को नोटिस जारी
याचिका में विधायक वाजपेई पर चुनाव आयोग को अपनी शैक्षिक योग्यता संपत्ति बैंक लोनको लेकर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है। याची अनुग्रह नारायण सिंह का कहना है कि विपक्षी हर्षवर्धन ने सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति बताया है

प्रयागराज, विधि संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव में शहर उत्तरी प्रयागराज से कांग्रेस प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह की चुनाव याचिका पर हाई कोर्ट ने भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 18 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने बहस की। कोर्ट ने पंजीकृत डाक सहित महानिबंधक द्वारा चिह्नित अखबारों में नोटिस प्रकाशित करने का निर्देश दिया है।
याचिका के माध्यम से चुनाव रद करने की मांग
इस याचिका में विधायक वाजपेई पर चुनाव आयोग को अपनी शैक्षिक योग्यता, संपत्ति, बैंक लोन,को लेकर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है। याची अनुग्रह नारायण सिंह का कहना है कि विपक्षी हर्षवर्धन ने सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति बताया है और 22 करोड़ की संपत्ति को साढ़े तीन करोड़ दिखाया है।
पिछले चुनाव से भिन्न जानकारी देने का भी आऱोप है याचिका में
यह भी आरोप है कि इस वर्ष चुनाव में पिछले 2017 के विधान सभा चुनाव से भिन्न जानकारी दी गई है। लोन बकाया है किंतु बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से अदेय प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। साथ ही एक ही साल में दो डिग्रियां हासिल की है। जो करप्ट प्रैक्टिस की श्रेणी में आता है। याचिका में झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण चुनाव रद करने की मांग की गई है। अब चुनाव याचिका पर 18 जुलाई को सुनवाई होगी। इस सुनवाई पर राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों की नजर रहेगी कि आखिर क्या आता है अदालत का फैसला। उल्लेखनीय है कि 2017 में भाजपा के टिकट पर शहर उत्तरी से विधायक निर्वाचित हर्षवर्धन वाजपेई को अबकी आखिरी वक्त में टिकट दिया गया था। पहले उनको भाजपा से टिकट मिलने पर संशय बना था।

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