Health News: बुखार होने पर खुद नहीं लें दवाएं, पेन किलर और एंटीबायोटिक दवाएं भी घटाती हैं प्लेटलेट्स
बुखार है तो मेडिकल स्टोर से दवाएं डाक्टर के परामर्श बिना न लें। झोलाछाप डाक्टर से इलाज भी सेहत पर विपरीत असर डाल सकता है। बुखार में पेन किलर व एंटीबायोटिक के सेवन से प्लेटलेट्स तेजी से गिरती है। इस स्थिति में साधारण बुखार गंभीर अवस्था में पहुंचा सकता है।

प्रयागराज, जेएनएन। अगर आपको किसी भी तरह का बुखार है तो आप मेडिकल स्टोर से दवाएं डाक्टर के परामर्श बिना न लें। झोलाछाप डाक्टर से इलाज भी सेहत पर विपरीत असर डाल सकता है। बुखार में पेन किलर व एंटीबायोटिक के सेवन से प्लेटलेट्स तेजी से गिरती है। इस स्थिति में साधारण बुखार भी आपको गंभीर अवस्था में पहुंचा सकता है। यह कहना है डेंगू से बचाव अभियान चला रहे जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह का।
बिना डाक्टर के पर्चे के दवाओं की बिक्री नहीं
डा. आनंद सिंह ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण प्रोग्राम की बैठक में जिलाधिकारी ने सभी दवाखाना (मेडिकल स्टोर) संचालकों को यह आदेशित किया था कि कोई भी ड्रग स्टोर बिना चिकित्सक के पर्चे के दवाओं की बिक्री न करें। ऐसी सूचना मिलने पर उन पर कार्रवाई होगी।
मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू और वायरल बुखार में दर्द से जल्द छुटकारा पाने के लिए मरीज मेडिकल स्टोर या झोलाछाप डॉक्टर से पेन किलर तथा एंटीबायोटिक ले लेते हैं। स्थिति खराब होने पर रोगी को हॉस्पिटल लाया जाता है। एंटीबायोटिक का असर खत्म करने में ही दो दिन लग जाता है। इतने में मरीज की हालत खराब होने लगती है
हर बुखार को वायरल समझने की नहीं करें भूल
लोग हर प्रकार के बुखार को वायरल बुखार न समझें। वायरल बुखार व डेंगू दोनों के शुरुआती लक्षण लगभग सामान्य हैं। डेंगू होने पर मरीज को अधिक ठंड के साथ शरीर में तेज दर्द व कमजोरी महसूस होती है। हल्की खांसी, गले में खराश और उल्टी आती है। इसलिए किसी भी तरह का बुखार हो जांच की रिपोर्ट आने तक सिर्फ पैरासीटामाल का ही सेवन करें। यह सबसे सुरक्षित दर्द निवारक दवाओं में से एक है। डेंगू या वायरल बुखार के मरीज खूब पानी व ओआरएस का घोल पीएं, जिससे उनके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बना रहे। बच्चे को पैरासीटामाल का सेवन कराने से पहले दवा की मात्रा के विषय में डॉक्टर से सलाह कर लें।
डेंगू में प्लेटलेट्स का काम
प्लेटलेट्स ब्लड का ही एक मुख्य हिस्सा होता है। इसका काम शरीर में ब्लड को नियंत्रित रखना है। डेंगू बोन मैरो को दबा देता है। बोन मैरो प्लेटलेट्स बनाने वाला एरिया है। जब यह दब जाता है, तो इस स्थिति में प्लेटलेट्स की संख्या गिरने लगते हैं। इस स्थिति में संक्रमित प्लेटलेट कोशिकाएं सामान्य प्लेटलेट्स को नष्ट करने लगते हैं। जब डेंगू में प्लेटलेट्स और रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम होती है, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है और मरीज गंभीर स्थिति में पहुँच जाता है।
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