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    Hanuman Jayanti 2022: हनुमत जयंती पर आज शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी, जानें पूजन विधि

    By Jagran NewsEdited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 23 Oct 2022 09:04 AM (IST)

    Hanuman Jayanti 2022 हनुमान जयंती आज है। ज्‍योतिर्विदों के अनुसार शुभ मुहूर्त में राशि के अनुसार पूजन करने से कष्‍ट दूर होंगे। शनि की साढ़े साती से मुक्ति के लिए सुंदरकांड हनुमान चालीसा का पाठ शनि स्त्रोत अथवा हनुमान बाहुक में से किसी एक का 11 बार पाठ करना चाहिए।

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    Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जयंती पर आज शाम को शुभ मुहूर्त में पूजन करने से सभी परेशानियों को दूर होंगी।

    प्रयागराज, जेएनएन। Hanuman Jayanti 2022 हनुमान जयंती यानी हनुमत जयंती आज रविवार 23 अक्‍टूबर को है। श्रीहनुमान के पूजन के लिए कौन सा समय श्रेष्‍ठ है और किस विधि से पूजन करें जिससे पवनपुत्र आपके सारे कष्‍टों को दूर करें। साथ ही समृद्धि प्रदान करें। यह जानने के लिए पढ़ें खबर, क्‍योंकि शुभ मुहूर्त और पूजन विधि बता रहे हैं ज्‍योतिर्विद।

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    हनुमत उपासना व सूर्यास्त पर घर के द्वार पर चौमुखा दीपक जलाने से कष्ट दूर होंगे: कार्तिक कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आज रविवार को रुद्रावतार संकटमोचन हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। प्राचीन हनुमान मंदिरों में दर्शन, पूजन, श्रीराम नाम का जप, हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करने वालों को दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। हनुमत उपासना के साथ सूर्यास्त पर घर के द्वार पर चौमुखा दीपक जलाने से समस्त कष्ट दूर होंगे।

    हस्त नक्षत्र में मनेगा रुद्रावतार हनुमान जी का जन्मोत्सव : पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि व मेष लग्न में हुआ था। रविवार 23 अक्टूबर को मेष लग्न शाम 5.22 से 6.59 बजे तक रहेगी। साथ ही हस्त नक्षत्र का संचरण होगा। इस समयावधि में हनुमानजी का प्राकट्य उत्सव मनाना चाहिए।

    श्रीहनुमान का ऐसे करें पूजन : हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष चना, गुड़, बेसन का लड्डू, चमेली का तेल, सिंदूर, लाल लंगोटा व जनेऊ अर्पित करना चाहिए। मेष लग्न लगने पर भगवा अथवा लाल वस्त्र धारण करके देशी घी का दीपक जलाकर प्राचीन हनुमान मंदिर में 'ऊं हं हनुमते नम:' का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।

    शनि की साढ़े साती से मुक्ति को ऐसे करें पूजन : शनि की साढ़े साती से मुक्ति के लिए सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ, शनि स्त्रोत अथवा हनुमान बाहुक में से किसी एक का 11 बार पाठ करना चाहिए।

    अपनी राशि के अनुरूप अर्पित करें सामग्री :

    मेष : तुलसी की पत्ती, लाल लगोटा, बेसन के लड्डू।

    वृषभ : सफेद फूल, तुलसी की माला, सफेद मिठाई

    मिथुन : बूंदी के लड्डू, गेंदा का फूल व तुलसी।

    कर्क : सफेद की मिठाई, सफेद फूल व तुलसी।

    सिंह : बेसन के लड्डू, तुलसी, गुलाब का फूल।

    कन्या : सिंदूर, चमेली का तेल, बूंदी का लड्डू।

    तुला : जनेऊ, सफेद मिठाई, तुलसी।

    वृश्चिक : लाल लंगोटा, चने की दाल, गुड़ व तुलसी।

    धनु : पीली मिठाई, गेंदा का फूल व तुलसी।

    मकर : चना व गुड़, तुलसी व नीला फूल।

    कुंभ : मोतीचूर के लड्डू, तुलसी व नीला फूल।

    मीन : बेसन के लड्डू, तुलसी की माला, पीला फूल।

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