प्रयागराज में हंडिया-कोखराज हाईवे दुर्घटना का केंद्र बना, इन 'यमराजों' से सुरक्षित नहीं हैं लोग
हंडिया-कोखराज हाईवे दुर्घटना का केंद्र बन चुका है। हाईवे के किनारे खड़े ट्रक में अक्सर तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होकर पीछे से भिड़ जाते हैं जिसके चलते कभी एक तो कभी पूरे परिवार को अपने जान से हांथ धोना पड़ता है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में सोरांव स्थित हाईवे पर खड़े ट्रकों से लगातार दुर्घटनाओं की सूचना मिलती रहती है। इसके बावजूद ट्रक चालक हाईवे के किनारे ट्रकों को खड़ा कर या तो मरम्मत कराते रहते हैं या फिर आस-पास के गांव निकल जाते हैं। इसके चलते कभी भी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है। पिछले कुछ सालों मे ठंड के शुरूआत में ही खड़े ट्रक में वाहनों के भिड़ंत के कई हादसे हो चुके हैं जिनमें दर्जनों लोग जान गवां चुके हैैं। इसके बावजूद बेवजह खड़े ऐसे ट्रकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
दस साल पूर्व तैयार हंडिया-कोखराज हाईवे दुर्घटना का केंद्र बन चुका है। हाईवे के किनारे खड़े ट्रक में अक्सर तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होकर पीछे से भिड़ जाते हैं जिसके चलते कभी एक तो कभी पूरे परिवार को अपने जान से हांथ धोना पड़ता है। ठंड में अक्सर ऐसे हादसे होते हैं जिनका कारण ट्रकों के हाईवे के किनारे खड़े करना है। सबसे बड़ी बात है कि जो ट्रक हाईवे के किनारे खड़े होते हैं उनके पीछे न तो रेडियम की पट्टी होती है और न ही पाॢकंग लाइट जैसी कोई व्यवस्था, जिसके कारण यह ट्रकें अक्सर प्राइवेट गाडिय़ों को अपना शिकार बना लेती हैं और खुशी के सफर में निकले लोग काल के गाल में समा जाते हैं।
लगभग दस साल पूर्व तैयार नेशनल हाईवे पर अब तक कई दर्जन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कई ट्रक चालक ऐसे हैं जिनका गांव हाईवे के निकट होता है, जिसके चलते वह ट्रक हाईवे पर खड़ा कर अक्सर गांव चले जाते है। अभी तक नेशनल हाईवे ही लोगों के लिए असुरक्षित था लेकिन अब सोरांव से भुपियामऊ के लिए तैयार हाईवे भी लोगों के लिए जानलेवा होता जा रहा है। सोरांव से प्रतापगढ़ जाने के लिए दिन और रात में सैकड़ों प्राइवेट गाडिय़ां सफर करती हैं लेकिन इस हाईवे पर भी ट्रकों को सड़कों के किनारे खड़ा कर दिया जाता है जिसके चलते कोहरे मे बड़े हादसे का डर बना रहता है।
ग्रामीणों का कहना है कि कोहरे के चलते आए दिन प्राइवेट गाडिय़ां खड़े ट्रकों से पीछे से भिड़ जाती है क्योंकि ज्यादातर ट्रकों के पीछे कोई भी रेडियम पट्टी का प्रयोग नहीं होता है। पुलिस व प्रशासन भी हाईवे पर बेवजह खड़े ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है। अक्सर हादसे के बाद पुलिस व प्रशासन दोनों की आंखे खुलती हैं।
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