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    GST Portal: टैक्स न देने वाले व्यापारियों पर कसा शिकंजा, अब पोर्टल से भेजी जाएगी नोटिस

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 22 Aug 2021 03:09 PM (IST)

    GST Portal अब व्यवस्था बदल गई है। पोर्टल से स्वत व्यापारियों को नोटिस भेजी जाएगी। नोटिस टैक्स जमा करने की तय तिथि के चार दिन बाद स्वत भेजी जाएगी। एडिशनल कमिश्नर (जीएसटी) वाणिज्यकर मुख्यालय की तरफ से सभी जोनल एडिशनल कमिश्नर को 17 अगस्त को आदेश जारी किया गया है।

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    अब व्‍यापारियों पर सीधे कर निर्धारण भी होगा। इससे कारोबारियों की मुश्किलें भी बढ़़ेंगी।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अब टैक्‍स देने में हीलाहवाली करना व्‍यापारियों के लिए घातक होगा। हर महीने तय समय पर टैक्स नहीं जमा करने वाले व्यापारियों पर शिकंजा कस गया है। टैक्स न जमा करने पर अब उन्‍हें जीएसटीएन पोर्टल से स्वत: नोटिस भेजी जाएगी। और अगर इस नोटिस का जवाब व्‍यापारियों ने नहीं दिया तो कार्रवाई भी होगी। ऐसी दशा में उन्‍हें पोर्टल के माध्यम से ही सीधे कर निर्धारण भी कर दिया जाएगा।

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    अब तक व्‍यापारियों को ऐसे भेजी जाती थी नोटिस

    गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में व्यापारियों के लिए हर महीने की 20 तारीख तक टैक्स (जीएसटीआर-3 ए) जमा करने का प्रावधान किया गया है। हालांकि बहुत से व्यापारी इस तय समय पर टैक्स नहीं जमा करते हैं। किन व्यापारियों ने समय से टैक्स नहीं भरा है, इसकी जानकारी वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों को तब होती है जब वह पोर्टल पर जांच करते हैं। जांच के बाद व्यापारियों को टैक्स जमा करने के लिए नोटिस भेजी जाती था।

    नोटिस भेजने की व्‍यवस्‍था में किया गया बदलाव

    अब व्यवस्था बदल गई है। पोर्टल से स्वत: व्यापारियों को नोटिस भेजी जाएगी। यह नोटिस टैक्स जमा करने की तय तिथि के चार दिन बाद स्वत: चला जाएगा। एडिशनल कमिश्नर (जीएसटी) वाणिज्यकर मुख्यालय अशफाक अहमद की तरफ से इस संबंध में सभी जोनल एडिशनल कमिश्नर को 17 अगस्त को आदेश जारी किया गया है। माना जा रहा है कि नई व्यवस्था से अधिकारियों पर काम का दबाव कुछ कम जरूर होगा। हालांकि इससे व्यापारियों की मुश्किलें भी बढ़ जाएंगी।

    व्‍यापारियों तक इस प्रक्रिया से सीधी पहुंचेगी नोटिस

    एक दिक्कत यह भी है कि ज्यादातर कारोबारियों के पंजीयन में उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) अथवा अधिवक्ताओं की आइडी लगी है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नोटिस सीधे ज्यादातर व्यापारियों के पास नहीं पहुंच पाएगी। अगर सीए एवं अधिवक्ताओं ने संबंधित व्यापारियों को नोटिस के बारे में नहीं बताया तो 15 दिन में जवाब न देने पर सीधे टैक्स का निर्धारण कर दिया जाएगा।