GST News: ईंट भट्ठा मालिकों को भरना होगा छह से 12 प्रतिशत तक जीएसटी, महंगी हो सकती है ईंट
अब तक ईंटों के निर्माण और व्यापार पर एक प्रतिशत जीएसटी लगता था और व्यापारियों को इनपुट पर क्रेडिट का दावा करने की छूट थी। सरकार ने 31 मार्च को जीएसटी ...और पढ़ें

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। ईंट भट्ठा कारोबारी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के बिना छह प्रतिशत जीएसटी देने से जुड़ी एक कंपोजीशन स्कीम को चुन सकते हैं। जो कारोबारी कंपोजीशन योजना का विकल्प नहीं चुनना चाहते हैं, उन पर आइटीसी के साथ 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक जीएसटी बढ़ने से हर तरह की ईंट महंगी हो जाएगी और इसका असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।
आइटीसी का लाभ लेने वालों को 12 प्रतिशत देना होगा टैक्स
अब तक ईंटों के निर्माण और व्यापार पर एक प्रतिशत जीएसटी लगता था और व्यापारियों को इनपुट पर क्रेडिट का दावा करने की छूट थी। सरकार ने 31 मार्च को जीएसटी दरों को अधिसूचित किया है और यह एक अप्रैल से लागू हो गई है।
भट्ठा मालिकों को भी हर माह फाइल करना होगा आर-1 व जीएसटी आर-3बी
वाणिज्यकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर मनोज कुमार त्रिपाठी बताते हैं, कोई ईंट भट्ठा संचालक यदि योजना का लाभ लेना चाहता है, तो कंपोजीशन स्कीम को चुनकर वह छह प्रतिशत तक जीएसटी चुका सकता है। वहीं योजना का लाभ नहीं लेकर आइटीसी का लाभ लेने वाले कारोबारियों को 12 प्रतिशत का टैक्स चुकाना होगा।
जीएसटी बढ़ने पर ईंट के दामों में हो जाएगी बढ़त
तेजी से बढ़ती महंगाई के साथ ही ईंट भट्ठों पर बढ़ी जीएसटी का असर ईंटों पर भी पड़ा है। ईंटें महंगी हो गई है। 7000 प्रति हजार का आने वाले ईंट 8000 रुपये की हो गई है। यानी जीएसटी बढ़ने पर प्रति ईंट एक रुपये की बढ़त हो गई है। इसका असर सीधे तौर पर आम लाेगों पर पढ़ने वाला है।

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