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    एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के लिए कीडगंज गोलीकांड पड़ा भारी और हुआ तबादला

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Wed, 05 Jan 2022 12:37 PM (IST)

    इस घटना ने ऐन चुनाव के दौरान शासन के लिए मुश्किल खड़ी कर दी। बीच बाजार भाजपा विधायक संजय गुप्ता के बहनोई समेत चार को घायल करना बड़ी घटना थी। मुख्यमंत्री ने एसएसपी को अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था मगर ऐसा नहीं हुआ।

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    मुख्यमंत्री के निर्देश पर भी नहीं हुई थी कड़ी कार्रवाई, फाफामऊ कांड से पुलिस की छवि धूमिल

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोई कुछ भी कहे और माने न माने लेकिन हकीकत यही है कि कीडगंज गोलीकांड में कड़ी कार्रवाई न करना और अभियुक्तों की गिरफ्तारी में हीलाहवाली करना एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को भारी पड़ गया। इस घटना ने ऐन चुनाव के दौरान शासन के लिए मुश्किल खड़ी कर दी। सरेशाम और बीच बाजार अंधाधुंध गोली बरसाकर भाजपा विधायक संजय गुप्ता के बहनोई समेत चार को घायल करना शहर की बड़ी घटना थी। मुख्यमंत्री ने इसे संज्ञान लेते हुए एसएसपी को अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को चुनाव से पहले किसी नए जिले या रेंज की जिम्मेदारी देने की बजाय डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। विभागीय अधिकारियों के बीच ऐसी ही कई बातें कही जा रही हैं।

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    प्रयागराज में खेली लंबी पारी लेकिन आखिर में गड़बड़ा गए कप्तान

    हालांकि बतौर एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का प्रयागराज में हाल फिलहाल सबसे लंबा करीब 15 माह का कार्यकाल रहा। उनके कार्यकाल के दौरान भू-माफिया, अपराधी माफिया से लेकर संगठित अपराध करने वालों पर कुछ हद तक अंकुश भी लगा, लेकिन हत्या, लूट जैसी सनसनखेज वारदात भी होती रहीं। जबकि कई अपराधियों को मुठभेड़ के दौरान गोली लगी और घायल हुए। सबसे चर्चित मामला फाफामऊ परिवार हत्याकांड रहा। यहां एक नाबालिग दलित से दुष्कर्म कर पूरे परिवार की नृशंस हत्या कर दी गई। मामले में सियासी उबाल मचा तो पुलिस ने जल्दबाजी में पहले एक निरक्षर को गिरफ्तार कर अनावरण का दावा किया, लेकिन तमाम सवाल उठने के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। इससे पुलिस की जमकर किरकिरी होने के साथ ही विभाग की छवि भी धूमिल हुई। कहा जा रहा है कि फाफामऊ के बाद कीडगंज की घटना की वजह से कप्तान को हटाना ही पड़ा।

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