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    प्रयागराज में गंगा, यमुना के संगम स्‍नान को आने वाले ध्‍यान दें, अंधेरा होने के बाद सुरक्षित नहीं है यह क्षेत्र

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 25 May 2022 03:25 PM (IST)

    प्रयागराज में संगम ही नहीं काली घाट दशाश्वमेघ घाट दूसरे स्थान पर भी कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखते। यह हाल तब है जब शहर में उच्चाधिकारियों से लेकर थानेदार तक पैदल गश्त करते हैं लेकिन संगम क्षेत्र में पुलिस बेपरवाह है। इससे श्रद्धालुओं में सुरक्षा का एहसास नहीं होता है।

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    गंगा-यमुना संगम क्षेत्र सुरक्षित नहीं, है। सूर्यास्त के बाद अराजकतत्व सक्रिय होते हैं, पुलिस की मदद भी नहीं मिलेगी।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। देश भर में प्रसिद्ध है प्रयागराज का संगम क्षेत्र। गंगा, यमुना नदियों का संगम है। वर्ष भर यहां देश भर से श्रद्धालुओं का प्रतिदिन आवाजाही रहती है। यूपी के पर्यटन स्‍थलों को घूमने के लिए आने वाले पर्यटक भी यहां आते हैं। संगम क्षेत्र में व्‍यवस्‍थाओं पर भी चर्चा कर लें। यहां दोपहर में ताे ठीक है लेकिन अंधेरा होने के साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा का इंतजाम नहीं नजर आता।

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    स्‍नानर्थियों के साथ घटना होने पर तत्‍काल मदद के लिए पुलिस जवान नहीं : त्रिवेणी मार्ग से बांध पर चढ़ने के बाद आप संगम क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं। पैदल, बाइक, ई-रिक्शा हो फिर किसी दूसरे वाहन से। सड़क के दोनों छोर पर कहीं-कहीं लगी दुकान के पास श्रद्धालुओं की भीड़ दिख जाती है। हालांकि पुलिसकर्मी नहीं नजर आते। रास्‍ते से होते हुए आप संगम तट तक पहुंच जाते हैं, जहां जल पुलिस के कुछ जवान सीटी बजाते हुए दिखते हैं। वहां स्नानार्थियों के साथ अगर कोई घटना होती है तो तत्काल मदद के लिए सिविल पुलिस मौजूद नहीं रहती है।

    संगम के साथ अन्‍य गंगा घाटों पर भी स्‍नानार्थी सुरक्षित नहीं : संगम ही नहीं, काली घाट, दशाश्वमेघ घाट और दूसरे स्थान पर भी कोई सुरक्षाकर्मी नहीं दिखता है। यह हाल तब है, जब शहर में उच्चाधिकारियों से लेकर थानेदार तक पैदल गश्त करते हैं, लेकिन संगम क्षेत्र में पुलिस बेपरवाह है। इससे श्रद्धालुओं में सुरक्षा का एहसास नहीं होता है। चौंकाने वाली बात यह है कि शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। उनकी हरकतों का विरोध करने पर तीर्थ पुरोहित, नाविकों और दुकानदारों से झगड़ा होता है। पुलिस की मुस्तैदी के अभाव में ही अक्सर श्रद्धालुओं के साथ मारपीट, चोरी और छिनैती की घटनाएं होती हैं। कुछ दिन पहले छात्रों दो छात्रों पर भी हमला हुआ था। इससे लोगों में भय व्याप्त होने लगा है।

    बांध पर लेटे हनुमान मंदिर तक ही सुरक्षा : संगम क्षेत्र में सुरक्षा की जिम्मेदारी दारागंज थाना और संगम पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों की है। हालांकि वह बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर तक ही अपनी सुरक्षा कवच को मजबूत करने का दावा करते हैं। इसके अलावा यदा-कदा वीआइपी के आने पर सुरक्षा का एहसास कराते हैं। पुलिस की गश्त न होने से संगम क्षेत्र में बेवजह घूमने वालों पर भी अंकुश नहीं लग पा रहा है।

    अवैध पार्किंग बनी समस्‍या का कारण, बंद करने की मांग : संगम क्षेत्र से ही सटे हुए मनकामेश्वर मंदिर के पास अवैध वाहन पार्किंग और वसूली को बंद करने की मांग भाजपा पार्षद किरन जायसवाल ने की है। उन्होंने कहा कि संगम की तरह रोजाना हजारों श्रद्धालु मनकामेश्वर मंदिर में आते हैं, जिन्हें अवैध वसूली का शिकार होना पड़ता है। ऐसे में उन्होंने माघ मेला अधिकारी व जिलाधिकारी से इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

    क्‍या कहती हैं सीओ पंचम : सीओ पंचम आस्‍था जायसवाल कहती हैं कि हनुमान मंदिर से लेकर बक्शी बांध तक पुलिस की गश्त होती है। पिकेट भी रहती है। मैं खुद भी पेट्रोलिंग करती हूं, ताकि कोई समस्या न हो।