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    Ganga Yamuna Flood: प्रयागराज में 24 घंटे में यमुना का जलस्‍तर 3 मीटर बढ़ा, गंगा भी रफ्तार में

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Tue, 16 Aug 2022 04:20 PM (IST)

    Ganga Yamuna Flood प्रयागराज में यमुना का जलस्तर पिछले 24 घंटे के दौरान तीन मीटर बढ़ा है। यमुना का जलस्तर 79.40 मीटर पहुंचने से किनारे के गांवों में पानी घुसने लगा है। गंगा में भी पानी बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़कर 79.94 मीटर पहुंच गया है।

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    Ganga Yamuna Flood: प्रयागराज में गंगा-यमुना नदी उफान पर हैं। तटीय इलाकों में एलर्ट जारी कर दिया गया है।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का पानी एक बार फिर बढ़ने लगा है। मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में वर्षा का पानी बांध व बैराज से छोड़ा जा रहा है। इसके चलते गंगा व यमुना का जलस्तर पिछले दो दिनों से तेजी से बढ़ रहा है। इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ चौकियों को भी सक्रिय कर दिया गया है।

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    मध्‍य प्रदेश में केन-बेतवा न‍दी के डैम व बैराज के पानी से यमुना का जलस्‍तर बढ़ा : मध्य प्रदेश में तेज वर्षा के चलते वहां की नदियों में बाढ़ की स्थिति है। इसके कारण केन और बेतवा नदियों पर स्थित डैम और बैराजों से पानी छोड़ा जाने लगा है। माताटीला बांध से तीन दिनों से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसका असर यमुना नदी में दिखाई देने लगा है।

    24 घंटे में यमुना में तीन मीटर पानी बढ़ा : प्रयागराज में यमुना का जलस्तर पिछले 24 घंटे के दौरान तीन मीटर बढ़ा है। मंगलवार की सुबह यमुना का जलस्तर 79.40 मीटर पहुंच गया है। इससे यमुना किनारे के गांवों में पानी घुसने लगा है। इन गांवों में हलचल बढ़ गई है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं।

    नरौरा व कानपुर बैराज के पानी से गंगा का जलस्‍तर बढ़ा : इसी तरह गंगा नदी में भी पानी बढ़ रहा है। नरोरा बांध और कानपुर बैराज से गंगा में पानी छोड़ा जा रहा है। इसका असर प्रयागराज में भी नजर आने लगा है। मंगलवार को गंगा का जलस्तर प्रयागराज में 79.94 मीटर पहुंच गया। दोनों नदियों का जलस्तर बढऩे से संगम क्षेत्र जलमग्न हो गया है।

    बाढ़ प्रभावित इलाकों में अतिरिक्‍त सतर्कता : जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। डीएम संजय कुमार खत्री ने दोनों नदियों के किनारे बनाई गईं बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैैं। इसके साथ ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर उसका फोन नंबर जारी कर दिया गया है।