भदोही अग्निकांड में झुलसे 4 लोग प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती, बच्चे की हालत चिंताजनक
भदोही में दुर्गा पूजा पंडाल अग्निकांड में चार झुलसे लोगों का प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन अस्पताल) की बर्न यूनिट में इलाज चल रहा है। इनमें किरण चौरसिया और उनका बेटा ऋग्वेश चौरसिया के अलावा अंशिका चौरसिया और प्रमोद चौरसिया का बेटा रुद्र भी है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। भदोही जिले के औराई में रविवार रात दुर्गा पंडाल में आग लगने से झुलसे 64 लोगों में चार का इलाज प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन अस्पताल) में हो रहा है। इनमें एक महिला और तीन बच्चे हैं। बच्चों में आठ वर्षीय रूद्र चौरसिया की हालत चिंताजनक बनी हुई है। एसआरएन अस्पताल के डाक्टरों की टीम इन सभी का बेहतर इलाज करने के लिए लगी है।
एमएलएन मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने भर्ती लोगों का हालचाल लिया : मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डाक्टर एसपी सिंह सोमवार की दोपहर एसआरएन अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरीजों का हालचाल लिया और उनके परिवार के लोगों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने झुलसे लोगों का इलाज कर रहे डाक्टरों को निर्देश दिया कि इलाज में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।
एसआरएन की बर्न यूनिट में ये भर्ती हैं : स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय की बर्न यूनिट में औराई से लाए गए लोगों में औराई इंटर कालेज के समीप रहने वाली 40 वर्षीय किरण चौरसिया और उनका ढाई वर्षीय बेटा ऋग्वेश चौरसिया है। इनके अलावा 10 वर्षीय अंशिका चौरसिया और प्रमोद चौरसिया का आठ वर्ष का बेटा रुद्र भी है। किरण चौरसिया की दो बेटियां संध्या और श्रद्धा भी इस अग्निकांड में ज्यादा झुलस गई हैं। उन दोनों का इलाज बीएचयू वाराणसी में चल रहा है।
रात डेढ़ बजे लाये गए झुलसे लोग : एसआरएन हास्पिटल में जिन चार लोगों का इलाज चल रहा है, उन्हें रविवार की रात में करीब 1:30 बजे एंबुलेंस से लाया गया था।
बर्न यूनिट में भर्ती अंशिका ने हादसे के दौरान प्रबंधन के लोगों की खोली पोल : बर्न यूनिट में भर्ती अंशिका चौरसिया ने बताया कि रात करीब 8:30 बज रहे थे। पंडाल में अचानक आग लग गई। भीड़ बहुत ज्यादा थी। लोग निकल नहीं पा रहे थे। भगदड़ मच गई। कतार में लगे लोग एक-दूसरे को धक्का देकर बच निकलने का प्रयास करने लगे। कहा कि पंडाल में वहां के प्रबंधन के लोग लगे थे, वह भी लोगों को सुरक्षित और आराम से निकालने के बजाय तेज तेज धक्का देने लगे। इससे कई लोग चोटिल भी हो गए और वहां चीख-पुकार मच गई। पंडाल में ऊपर लगी प्लास्टिक भी आग से झुलस कर नीचे लोगों पर गिर रही थी। उससे और भी ज्यादा अफरा-तफरी का माहौल था।
झुलसे लोगों के बेहतर इलाज के लिए डाक्टर मुस्तैद : मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. एसपी सिंह ने सोमवार को बर्न यूनिट में झुलसे लोगों की हालत देखी व डाक्टरों को निर्देशित किया कि दवा आदि की अस्पताल से ही व्यवस्था करें। किसी के पैसे न खर्च होने पाए। कहा कि घटना बड़ी है दुखद है और मेडिकल कालेज प्रशासन सभी झुलसे लोगों के इलाज और सहायता के लिए तत्पर है।

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