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    Doordarshan Kendra Prayagraj: पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने की थी दूरदर्शन केंद्र की स्‍थापना, अब यह है हाल

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 26 Feb 2021 11:51 AM (IST)

    Doordarshan Kendra Prayagraj प्रयागराज में हर साल यहां पर संगम तट पर माघ मेला भी लगता है। इसमें दुनिया भर से स्नानार्थी जुटते हैं। किंतु इलाहाबाद दूरद ...और पढ़ें

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    प्रयागराज का दूरदर्शन केंद्र अपनी स्थापना से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है।

    प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज शहर की अपनी विशिष्ट कहानी है। शहर के विकास की लंबी गाथा है। इतिहास के कालखंड में दर्ज होने के साथ इसकी माटी शिक्षा-साहित्य और धर्म-संस्कृति के लिए जानी जाती है। अब तो हाईटेक युग में प्रवेश के साथ ही शहर स्मार्ट बनने की ओर अग्रसर है लेकिन कुछ चीजें हैं जो आज भी यहां जड़वत हैं। इनमें यहां का दूरदर्शन केंद्र भी है, जो अपनी स्थापना से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्थापना कराई, आगे बढ़ाने का प्रयत्न किया लेकिन चार दशक के बाद भी यह केंद्र पूर्णता को प्राप्त नहीं हुआ।

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    कमला नेहरू के जन्मदिन पर मिला था तोहफे में दूरदर्शन केंद्र

    इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में दूरदर्शन केंद्र की स्थापना 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कराई थी। वरिष्ठ रंगकर्मी और टीवी कलाकार अभिलाष नारायण बताते हैं कि इंदिरा गांधी ने अपनी मां कमला नेहरू के जन्मदिन पर इलाहाबाद में दूरदर्शन केंद्र की स्थापना का विचार किया तो सरकारी नुमाइंदों ने रातोंरात एक किलोवाट क्षमता का ट्रांसमीटर राजापुर मुहल्ले में स्थापित कराने का काम शुरू कर दिया। आकाशवाणी इलाहाबाद में मुख्य अभियंता रहे डी रस्तोगी की देखरेख में ट्रांसमीटर लगाने का काम एक अगस्त सन् 1983 को पूरा हुआ, सिलापट्ट भी लगा दिया गया किंतु फिर सब कुछ ठप हो गया।

    पीएम वीपी सिंह के कार्यकाल में कटरा में बना प्रोडक्शन सेंटर

    राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह 1989 में जब प्रधानमंत्री बने तो दूरदर्शन केंद्र को व्यवस्थित करने की सुध आई। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री पी. उपेन्द्र के माध्यम से यहां दूरदर्शन केन्द्र खुलवाने की पहल फिर से आरम्भ की और नया कटरा में ढाल पर खाली पड़े कार्पेंटरी स्कूल की जमीन पर दूरदर्शन केन्द्र का प्रोडक्शन सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया जिसका उद्घाटन विश्वनाथ प्रताप सिंह ने ही किया। लेकिन प्रयागराज के वासियों को सही मायने में आज तक दूरदर्शन का लाभ नहीं मिल सका है।

    दूरदर्शन केंद्र लखनऊ के सहारे है प्रयागराज का केंद्र

    प्रयागराज कुंभ नगरी है, हर साल यहां पर संगम तट पर माघ मेला भी लगता है जिसमें लाखों-करोड़ों की तादात में दुनियाभर से स्नानार्थी जुटते हैं। किंतु इलाहाबाद दूरदर्शन केंद्र यहां से कुंभ और माघ मेले के स्नान और दृश्यों के प्रसारण के लिए लखनऊ केंद्र पर आसरित रहता है। यहां से कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था ही नहीं है। इसके लिए लखनऊ-बनारस और दिल्ली की ओर मुंह ताकना पड़ता है। दूरदर्शन केंद्र इलाहाबाद के कार्यक्रम अधिकारी व स्टेशन डायरेक्टर हर्षित कुमार कहते हैं कि ट्रांसमीटर की क्षमता 1990 में बढ़ाकर 10 किलोवाट कर दी गई थी। यहां जो कार्यक्रम तैयार होते हैं उन्हें लखनऊ केंद्र भेज दिया जाता है जहां पर इलाहाबाद को आधे घंटे का स्लाट मिला हुआ है। वर्तमान में इस केंद्र में ट्रांसमिशन और प्रोडक्शन को मिलाकर कुल 34 कर्मचारी हैं।

    सीधे प्रसारण की सुविधा देने को उठती रही है आवाज

    इलाहाबाद दूरदर्शन केंद्र से सीधे प्रसारण की सुविधा देने के लिए समय समय पर आवाज उठती रही हैं किंतु स्थापना के चार दशक बीतने के बाद भी सुविधा मिल नहीं पाई है। वकील और समाजवादी नेता विनोद चंद दुबे कहते हैं कि तत्कालीन सांसद जनेश्वर मिश्रा ने भी लोकसभा में इस मुद्दे का उठाया था। उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष रहे केशरीनाथ त्रिपाठी ने भी प्रयास किए थे, परंतु लखनऊ से आधे घंटे प्रसारण के अलावा दूरदर्शन केन्द्र को प्रसारण की सुविधा नहीं दी गई।