Flood Relief Camp: राहत शिविरों में कोरोना से बचाव भी जरूरी, एक ही जगह रह रहे कई परिवार
Flood Relief Camp महामारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगस्त माह में ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इसको लेकर बचाव की हो रही तैयारी के बीच प्रयागराज में गंगा यमुना भी उफान पर हो गईं। गंगाजल खतरे का निशान पार कर गया इधर कोरोना संक्रमित बढ़ रहे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। संगम नगरी को बाढ़ ने तीन तरफ से घेर लिया है। प्रभावितों में हाहाकार मच गया है। बेघर हुए लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में शरण दी गई है। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। एक ही शिविर में कई घरों के लोगों के होने और कोविड प्रोटोकाल का पालन भी न होने से महामारी का साया फिर से मंडराने लगा है। उधर शहर में कोरोना के नए केस में अचानक वृद्धि हो गई है। इससे सभी को बचाव करने की जरूरत है।
दोहरी मुसीबत से घिर गई है लाखों की आबादी
महामारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगस्त माह में ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इसको लेकर बचाव की हो रही तैयारी के बीच प्रयागराज में गंगा यमुना भी उफान पर हो गईं। उधर गंगा में पानी खतरे का निशान पार कर गया इधर शहर में कोरोना के संक्रमित बढ़ रहे हैं। यानी दोहरी मुसीबत से लाखों आबादी घिरने लगी है। जिनके घर बाढ़ के पानी में डूब गए हैं उन पर परेशानी ज्यादा है। ऐसे सभी लोग बाढ़ राहत शिविराें में ठहराए गए हैं। वहीं उनकी गृहस्थी है और एक दूसरे से कुछ ही फासले पर महिलाएं, बच्चे रहने को मजबूर हैं। हालांकि प्रशासनिक व्यवस्था के तहत इनके पास दवाएं भी हैं और खाने का इंतजाम किया जा रहा है।
बाढ़ राहत शिविर में मदद को स्वयंसेवी संस्थाएं मदद को नहीं पहुंचीं
बाढ़ राहत शिविरों की तरफ अभी किसी समाजसेवी संस्था का ध्यान नहीं गया है। न ही स्वास्थ्य महकमा कोरोना से बचाव को लेकर सचेत हो पाया है क्योंकि जिन्हें शरण मिली वे बिना मास्क लगाए ही रह रहे हैं। शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम भी परेशानी के आगे भूले हैं और बच्चों का एक दूसरे से संपर्क, बड़े बुजुर्गों की बीमारी संक्रमण फैलाने के लिए काफी है।
सीएमओ बोले- बाढ़ राहत शिविर में रखा जा रहा ख्याल
प्रयागराज के सीएमओ डा. नानक सरन ने कहा है कि शरणार्थियों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कोरोना संक्रमण पर भी नजर है। अगर ऐसी स्थित आई तो उससे बचाव के लिए टीमें तैयार हैं।
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