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    National Law University: प्रयागराज में ला यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए हुआ पहला टेंडर

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Thu, 16 Sep 2021 07:12 PM (IST)

    इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत सत्र 2022-23 में 80 छात्रों से कर दी जाएगी। यहां पर पांच वर्षीय विधि की पढ़ाई होगी। यूनिवर्सिटी परिसर में ही शिक्षकों के आवास के अलावा गर्ल्स और ब्वायज हास्टल भी होंगे। इसके चांसलर हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश होंगे

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    11 सितंबर को राष्ट्रपति ने किया था शिलान्यास, 24.71 एकड़ में होगा निर्माण, आज खुलेगा टेंडर

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शहर के पश्चिमी इलाके के झलवा में बनने वाली देश की 24 वीं नेशनल ला यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई। इसका पहला टेंडर कर दिया गया है और वह 16 सितंबर को खुलेगा। यह टेंडर कंसल्टेंट के चयन के लिए हुआ हैं। कंसल्टेंट तय होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद निर्माण का टेंडर होगा। नेशनल ला यूनिवर्सिटी शहर के लिए बड़ी सौगात है। इससे शहर की गरिमा और बढ़ी है और शिक्षा के क्षेत्र में जनपद का नाम राष्ट्रीय फलक पर रोशन हुआ है।

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    यूनिवर्सिटी परिसर में ही शिक्षकों के आवास व हास्टल भी होंगे

    नेशलन ला यूनिवर्सिटी का शिलान्यास 11 सितंबर को हाई कोर्ट परिसर में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने किया था। शिलान्यास होने के साथ ही लोक निर्माण विभाग ने निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। झलवा में यूनिवर्सिटी का निर्माण 24.71 हेक्टेयर में 220 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। निर्माण से पहले कंसल्टेंट की टीम उसका सर्वे करेगी कि कितना मैटेरियल, मैन पावर या अन्य सामग्री लगेगी। वह एजेंसी इसका विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग को सौंपेगी। उसके बाद निर्माण का टेंडर होगा। उस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए लोक निर्माण विभाग की बिल्डिंग सेल ने पिछले दिनों टेंडर कर दिया है। वह टेंडर गुरुवार को लखनऊ में खुलेगा।

    80 छात्रों से होगी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू

    वैसे इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत सत्र 2022-23 में 80 छात्रों से कर दी जाएगी। यहां पर पांच वर्षीय विधि की पढ़ाई होगी। यूनिवर्सिटी परिसर में ही शिक्षकों के आवास के अलावा गर्ल्स और ब्वायज हास्टल भी होंगे। इसके चांसलर हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश होंगे। यह यूनिवर्सिटी भी प्रयागराज में स्थापित उच्च संस्थानों में मील का पत्थर की तरह है। इसके पहले ट्रिपल आइटी और एमएनएनआइटी जैसे संस्थान जनपद में राष्ट्रीय स्तर से शिक्षा के केंद्र हैं। इन संस्थानों की वजह से संगमनगरी का नाम शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बना हुआ है।