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    इसे फास्ट फूड कहिए या स्पेशल लाई-चना, महक से खिंचे आते हैं गुरु दीन गुप्ता की दुकान में स्वाद के शौकीन

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jul 2022 07:26 PM (IST)

    गुरू दीन बताते हैं कि लाई-चना भूनने के बाद वह इसमें प्याज हरी धनिया पुदीना मूली काला नमक मिलाते हैं। जीरा पीसी धनिया काली मिर्च अजवाइन मेंथी लौंग हरण ...और पढ़ें

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    गुरु दीन गुप्ता का ऐसा लाई-चना कि इसकी सुगंध से लोग दूर से ही खींचे चले आते हैं।

    प्रयागराज, जेएनएन। गुरु दीन गुप्ता का स्पेशल लाई-चना। ऐसा लाई-चना कि इसकी सुगंध से लोग दूर से ही खींचे चले आते हैं। पौष्टिकता से भरपूर इस देशी फास्ट फूड का स्वाद चखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। लाई-चना में उपयोग की जाने वाली चटनी और मसाला पेट के लिए काफी लाभदायक भी है।

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    45 वर्ष पुरानी है दीना गुप्ता की यह दुकान

    गुरु दीन गुप्ता एजी आफिस के पास ठेले पर दुकान लगाते हैं। यहां करीब 45 वर्ष पुरानी दुकान है। इसे दीना के बड़े भाई ओम प्रकाश गुप्ता ने शुरू किया था। गुरु दीन तीन भाइयों में छोटे थे, इसलिए बचपन से ही बड़े भाई के साथ दुकान पर रहते थे। बेजोड़ लाई-चना कैसे बनाया जाता है, बड़े भाई से पूरे गुण सीख लिए। कुछ समय बाद बड़े भाई की मृत्यु के बाद दुकान दीना ने संभाल ली। पहले तो लोगों ने सोचा कि उनको उस लाई-चना का अब स्वाद नहीं मिलेगा, लेकिन गुरु दीन ने ऐसा नहीं होने दिया। लाई-चना का स्वाद वही रहा जो पहले था।

    जानिए कैसे बढ़ाते हैं दीना लाई-चना का स्वाद

    गुरू दीन बताते हैं कि लाई-चना भूनने के बाद वह इसमें प्याज, हरी धनिया, पुदीना, मूली, काला नमक मिलाते हैं। जीरा, पीसी धनिया, काली मिर्च, अजवाइन, मेंथी, लौंग, हरण का मसाला तैयार करके भुने हुए लाई-चना में मिलाते हैं। अदरक, लहसुन, मिर्च, आम, आंवला की चटनी अलग से देते हैं। यह महंगा भी नहीं है। दस रुपये से ही इसका दाम शुरू हो जाता है। दिनभर यहां लोगों की भीड़ जुटी रहती है। यही नहीं, दूसरे राज्यों से आने वाले भी अगर इनकी दुकान पर पहुंच जाते हैं तो वह इनका लाई-चना लेकर अपने घर जरूर जाते हैं।

    गुरु दीन बताते हैं कि जहां वह दुकान लगाते हैं, वहीं कुछ दूर पर अपार्टमेंट है और यहां रहने वाले तीन परिवार के कुछ सदस्य विदेश में रहते हैं। वह जब भी यहां आते हैं तो उनके लाई-चना का स्वाद जरूर चखते हैं। इतना ही नहीं, जब यहां से विदेश जाने लगते हैं तो उनका लाई-चना साथ में ले जाते हैं।