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    किसानों ने माना, कर्जमाफी से उन्हें मिली संजीवनी

    By amal chowdhuryEdited By:
    Updated: Sun, 17 Sep 2017 12:20 PM (IST)

    शंकरगढ़ हिनौती गांव निवासी शिव सखा कहते हैं कि किसानों के हित में जो सरकारें काम करतीं हैं, वही हम लोगों के लिए अच्छी है।

    किसानों ने माना, कर्जमाफी से उन्हें मिली संजीवनी

    इलाहाबाद (जागरण सवांददाता)। विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने किसानों के कर्जमाफी की बात को जब अमली जामा पहनाया तो किसानों को जैसे संजीवनी मिल गई। उनका कहना है कि इस सरकार ने वादे को हकीकत में बदलकर काफी हितकारी कार्य किया है। इससे पहले तो सरकार केवल वादे ही करती रहीं हैं।

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    विपक्षियों के आरोपों के बीच 'दैनिक जागरण' ने शनिवार को ऐसे कुछ किसानों से बात की तो उन्होंने इसे संजीवनी बताया। शंकरगढ़ विकासखंड के लौंद कला निवासी भंवर सिंह ने खेती के लिए पिछले साल एक लाख रुपये ऋण लिया था। जब पेपर में पढ़ा कि किसानों का कर्ज माफ होगा तो उन्हें सहसा विश्वास नहीं हुआ। लेकिन जब बैंक ने उन्हें ऋणमाफी का प्रमाणपत्र दिया तो वह खुशी से झूम उठे।

    शंकरगढ़ के झझरा चौबे निवासी लक्ष्मण सखा कहते हैं कि यह सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। एक लाख रुपये खेती के लिए ऋण लिया था। इसे चुकाने में बहुत दिक्कत आ रही थी। सरकार की घोषणा के बाद बैंक से सूचना मिली कि उनका ऋण माफ कर दिया गया तो उनमें नया जोश उत्पन्न हो गया। वह नए उत्साह के साथ उन्नत खेती के लिए जुट गए हैं।

    शंकरगढ़ हिनौती गांव निवासी शिव सखा कहते हैं कि किसानों के हित में जो सरकारें काम करतीं हैं, वही हम लोगों के लिए अच्छी है। एक लाख रुपये किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया था जो माफ हो गया। विकासखंड शंकरगढ़ के नारीबारी निवासी वरूण कांत शुक्ला कहते हैं कि किस मुश्किल से किसान फसल को उगाता है। कई बार काफी प्रयत्न के बाद भी उसकी मेहनत का फल नहीं मिल पाता। पिछले साल बैंक से धान की फसल के लिए दो लाख 20 हजार रुपये ऋण लिया था, जिसमें से एक लाख माफ हो जाने से काफी सहारा मिल गया।

    इसी क्रम में बारा तहसील के हिनौती गांव निवासी त्रिवेणी प्रसाद पांडेय ने कहा कि एक लाख का कर्ज माफ हुआ तो परिवार भी खुशी से झूम उठा। बारा तहसील के भेलांव गांव निवासी तेज बहादुर पटेल ने वर्ष 2013 में दो लाख रुपये ऋण लिया था, जिससे टैक्टर खरीद लिया था। अब एक लाख रुपये माफ हो जाने से काफी राहत मिल गयी।

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    पति-पत्नी व बेटे का ऋण माफ: जिले के बारा तहसील के भेलांव गांव के राजकरन, उनकी पत्नी व बेटे का ऋण माफ हो गया। भेलांव गांव निवासी राजकरन का एक लाख का ऋण, उनकी पत्नी सुशीला देवी का 80 हजार व बेटे रामसिंह का 4700 रुपये ऋण भी माफ हो गया। वह कहते हैं, इस बार की फसल भी बहुत अच्छी रही। सरकार द्वारा पूर्ण कर्ज माफी ने उनका जीवन खुशियों से भर दिया है।

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