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    ई-पाश मशीन ने खाद्यान्न वितरण में लगाया ब्रेक, प्रयागराज के कोटेदार हो रहे परेशान

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 06 Nov 2020 11:23 AM (IST)

    जिले में सरकारी सस्ते गल्ले की 2200 से अधिक दुकानें हैं। इन सभी जगह पर ई-पाश मशीनों से ही खाद्यान्न का वितरण होता है लेकिन इसमें करीब 1500 खराब ही रहत ...और पढ़ें

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    ई-पाश मशीनों से ही खाद्यान्न का वितरण होता है, लेकिन इसमें करीब 1500 खराब ही रहती हैं।

    प्रयागराज, [राजेंद्र यादव]। ई-पाश मशीनों ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से होने वाले खाद्यान्न वितरण पर ब्रेक लगा दिया है। प्रयागराज में अक्सर मशीनों के खराब होने के कारण कोटेदार तो परेशान हो ही रहे हैं, कार्डधारकों के सामने से बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। समय से राशन न मिलना और घंटों लाइन में लगने के बार खाली हाथ घर लौट जाना, हर माह चल रहा है।

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    इसकी कोटेदार लगातार विभागीय अधिकारियों से इसकी शिकायत कर रहे हैं, लेकिन वे इस ओर कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहे हैं। बस यही कहते हैं कि ई-पाश मशीन वितरित करने वाली एजेंसी को सूचना दे दी गई है और जल्द ही समस्या का निस्तारण हो जाएगा, लेकिन कई माह से व्याप्त यह समस्या दूर नहीं हो पा रही है।

    2200 में 1500 मशीनों की हालत बदतर

    जिले में सरकारी सस्ते गल्ले की 2200 से अधिक दुकानें हैं। इन सभी जगह पर ई-पाश मशीनों से ही खाद्यान्न का वितरण होता है, लेकिन इसमें करीब 1500 खराब ही रहती हैं। इसमें बैटरी, चार्जर खराब होने के साथ ही नेटवर्क नहीं रहता है। इस वजह से कार्डधारकों का इस पर अंगूठा नहीं लग पाता है।

    बैटरी, चार्जर के साथ ही नेटवर्क की बनी रहती है समस्या

    ई-पाश मशीनों में बैटरी और चार्जर की तो समस्या है ही, लेकिन सबसे बड़ी परेशानी इसके नेटवर्किंग सिस्टम को लेकर है। कोटेदार अपने मोबाइल से वाईफाई खोलकर इससे कनेक्ट करते हैं, लेकिन इसमें नेटवर्क नहीं बताता। यही नहीं वहां मौजूद कार्डधारक भी अपने-अपने मोबाइल से वाईफाई के माध्यम से इसे कनेक्ट करने का प्रयास करते हैं, लेकिन मशीन है कि चलती ही नहीं।

    दूसरे काेटेदारों से लेते हैं मदद

    कोटेदारों की हालत यह है कि वह कार्डधारकों को राशन वितरण करने के लिए दूसरे कोटेदार की ई-पाश मशीनों का सहारा लेते हैं। जो काेटेदार अपने यहां के कार्डधारकों को राशन बांट देता है, उसकी ई-पाश मशीनों को ले लिया जाता है। इसमें कोटेदार अपना डाटा फिट करता है और फिर खाद्यान्न का वितरण शुरू किया जाता है।

    कोई नहीं है परेशानी सुनने वाला

    उप्र उचित दर विक्रेता परिषद के अध्यक्ष शिवबरन सिंह का कहना है कि कोटेदार की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। करीब 1500 ई-पाश मशीनें में गड़बड़ी बनी हुई है और विभाग इसे ठीक नहीं करा रहा है। इससे कार्डधारकों को समय पर खाद्यान्न का वितरण नहीं हो पा रहा है।