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    इस बार प्रयागराज के दशहरा को खास बनाने की है तैयारी, आप भी जानें Prayagraj News

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 22 Sep 2019 04:07 PM (IST)

    दशहरा दुर्गापूजा का का त्योहार इस बार कुछ खास अंदाज में मनाया जाएगा। इसे आकर्षण बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं रामलीला को और भी जीवंतता प्रदान करने का प्रयास है।

    इस बार प्रयागराज के दशहरा को खास बनाने की है तैयारी, आप भी जानें Prayagraj News

    प्रयागराज, जेएनएन। दशहरे का त्योहार इस बार आपके लिए कुछ खास आकर्षण लेकर आएगा। बहादुरगंज और चौक में भोर के समय निकलने वाली श्रृंगार चौकियां आधुनिक साज-सज्जा से युक्त रहेंगी तो श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से 'कथा रामराज्य की' का मंच और यांत्रिक पात्र इस बार नए कलेवर में नजर आएंगे। इन सबके बीच कोलकाता के चंदन नगर की रोशनी से जंगलबुक की थीम बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक के लिए लुभावनी होगी।

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    कटरा दुर्गा पूजा पंडाल में प्रवेश करते ही मिलेगा जंगल का लुक

    श्री कटरा बारवारी कमेटी ने इस बार चंदननगर की रोशनी कमेटी को पूजा पंडाल और इसके बाहर भी सजावट का काम सौंपा है। यह जानकारी देते हुए कटरा बारवारी कमेटी के प्रधान सचिव श्रीमोंतो बनर्जी ने बताया कि रोशनी कमेटी पूजा पंडाल में जंगलबुक की थीम पर सजावट करेगी। इसमें रोशनी और ध्वनि के जरिए भोर के समय पक्षियों के चहकने, कुछ उसी वक्त के सूर्य किरण के साथ निकलते प्रकाश, झरने का इफेक्ट 24 घंटे रहेगा। इस तरह की सजावट प्रयागराज में पहली बार की जा रही है। लोग यह सजावट दो से सात अक्टूबर तक देख सकते हैं।

    और भव्य होगा पथरचट्टी की रामलीला

    श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से सुविख्यात रामलीला 'कथा रामराज कीÓ का आयोजन हर साल रामबाग में कुछ बदलाव के साथ कराया जाता है। इस बार रावण की लंका, अयोध्या और मिथिला के राजमहल भी नए कलेवर में रहेंगे। इसमें भी रोशनी और ध्वनि के इफेक्ट के जरिए दर्शकों को पहले की अपेक्षा कुछ नयापन देने की तैयारी है। यह जानकारी कमेटी के प्रवक्ता लल्लूलाल गुप्त 'सौरभÓ ने दी।

    श्रृंगार चौकियां रहेंगी आकर्षण का केंद्र

    शहर के जडिय़ा समाज की ओर से श्रृंगार चौकियों में हर साल नए प्रयोग किए जाने की परंपरा रही है। इस बार भी चौकियों की साज-सज्जा के लिए जडिय़ा कारीगरों ने दिन रात एक कर रखा है। भगवान के नगीने जडि़त मुकुट और सिंहासन को भव्य बनाने की तैयारी है।