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    Durga Pratima Visarjan: नम आंखों से विसर्जित हो रही मां दुर्गा की प्रतिमाएं, महिलाओं ने किया सिंदूरदान

    By Jagran NewsEdited By: Ankur Tripathi
    Updated: Wed, 05 Oct 2022 01:39 PM (IST)

    आज मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है। दुर्गा पूजा पंडालों में पूजा समाप्त होने के बाद भक्त नम आंखों से मइया की मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं। प्रयागराज में पूजा कमेटियों के लोग फाफामऊ और अंदावा तालाब में मूर्ति विसर्जन कर रहे हैं।

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    शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि अर्थात विजयादशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन हो रहा है।

    प्रयागराज जागरण संवाददाता। शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि अर्थात विजयादशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन हो रहा है। दुर्गा पूजा पंडालों में सप्तमी तिथि से चल रही पूजा समाप्त होने के बाद भक्त नम आंखों से मइया की मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं। प्रयागराज में पूजा कमेटियों के लोग फाफामऊ और अंदावा तालाब में मूर्ति विसर्जन के लिए आ रहे हैं।

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    विसर्जन से पहले गंगाजल में मां के स्वरूप का किया दर्शन

    बुधवार की सुबह विसर्जन से पहले पंडाल में भक्तों ने एक पात्र में गंगाजल भरकर उसके अंदर शीशा रखकर मां के स्वरूप का दर्शन किया। उन्हें दोधि कर्मा (चिवड़ा, दही व चीनी) का प्रसाद अर्पित करके भक्तों ने उसे ग्रहण किया।

    बंगाली महिलाओं ने मां को सिंदूर लगाकर सुहाग की रक्षा की कामना की। इसके बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर ढाकी वादन में नृत्य करके मइया को रिझाया। इसके बाद विसर्जन यात्रा निकाली गई। ढोल-ताशा की थाप पर मां का जयकारा लगाते हुए मूर्तियों को अंदावा तालाब ले जाया गया। फिर तालाब में मूर्ति का विसर्जन हुआ। इसके साथ मां पुन: ससुराल चली गईं।

    प्रतापगढ़ में विसर्जन की मची धूम, गूंज रहे जयकारे

    प्रतापगढ़ शारदीय नवरात्र संपन्न होने पर माता रानी के विविध स्वरूपों का पूजन अर्चन करने के बाद अब उनकी धूमधाम से विदाई की जा रही है। दुर्गा पंडालों से मूर्तियों को विसर्जन के लिए नाचते गाते जयकारे लगाते धूमधाम से ले जाया जा रहा है।

    प्रतापगढ़ जनपद में 800 से अधिक स्थानों पर पंडाल सजाए गए थे। यहां मूर्तियों की स्थापना करके पूजन अर्चन किया जाता रहा। कन्या पूजन, भंडारा, जगराता, डांडिया गरबा की धूम मची रही। श्रद्धालु परिवार सहित माता रानी के दरबार में दर्शन पूजन के लिए पहुंचते रहे।

    नवमी को हवन करने के बाद दशमी को मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है। नदियों में मूर्ति विसर्जन पर कोर्ट की पाबंदी के कारण तालाब बनाए गए हैं। नगर और सदर तथा आसपास के पंडालों की मूर्तियों के विसर्जन के लिए बेला देवी धाम के पास सई नदी के किनारे तालाब बनाया गया है। सुविधापूर्ण विसर्जन के लिए मूर्ति विसर्जन समिति का भी गठन हुआ है।

    अध्यक्ष विजय बजरंगी और महामंत्री पंकज कौशल ने बताया कि यहां पर सुबह से विसर्जन शुरू हो चुका है। अंचल के लालगंज, कुंडा, रानीगंज, पट्टी में भी मूर्ति विसर्जन की धूम मची हुई है।

    लोग माता रानी की विसर्जन शोभायात्रा में अबीर गुलाल उड़ा रहे हैं। उनके भजन पर थिरकते श्रद्धालु काफी दूर तक पैदल ही जाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान विसर्जन स्थानों पर पुलिस की कड़ी व्यवस्था है। नदियों की ओर जाने से भीड़ को रोका जा रहा है ताकि कोई हादसा ना होने पाए। विसर्जन शोभायात्रा ओं के साथ ही पुलिस चल रही है। अभी विसर्जन की यह धूम एक-दो दिन और चलेगी।