'ईदगाह' में हामिद ने तीन पैसों से दादी के लिए खरीदा चिमटा, नाटक मंचन ने किया भाव-विभोर
मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी ईदगाह का सोमवार शाम एनसीजेडसीसी (उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र) के प्रेक्षागृह में नाैटंकी रूप में मंचन हुआ। यह नौटंकी धूमनगंज स्थित एक स्कूल के छात्र छात्राओं की एक माह तक चली कार्यशाला में तैयार की गई थी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी ईदगाह का सोमवार शाम एनसीजेडसीसी (उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र) के प्रेक्षागृह में नाैटंकी रूप में मंचन हुआ। यह नौटंकी धूमनगंज स्थित एक स्कूल के छात्र छात्राओं की एक माह तक चली कार्यशाला में तैयार की गई थी। स्वर्ग रंगमंडल संस्था की ओर से आयोजित इस मंचन में बाल कलाकारों के अभिनय से दर्शक खूब रोमांचित हुए।
नाट्य संस्था स्वर्ग रंगमंडल के आयोजन में दिखी संवेदनाओं की झलक
ईदगाह की शुरुआत ईद के मेले में जाने की तैयारी से होती है। गांव के सभी बच्चे नए कपड़े पहनकर मेला जाते हैं। गांव में एक बच्चा हामिद है जिसके मां-बाप नहीं हैं। वह वृद्ध दादी अमीना के साथ रहता है। हामिद मेला जाने की जिद करता है लेकिन दादी उदास थी क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे। किसी तरह तीन पैसे का इंतजाम कर दादी उसे मेले में भेज देती है। सभी बच्चे मस्ती करते हैं लेकिन हामिद घरेलू सामग्री की दुकान पर जाता है और दादी के लिए चिमटा खरीद लेता है। क्योंकि रोटी बनाते समय दादी के हाथ जलते थे। सभी बच्चे उसकी हंसी उड़ाते हैं लेकिन चिमटा खरीदकर हामिद के चेहरे पर खुशी झलकती है। वह घर आकर चिमटा दादी को देता है। दादी उसे गले से लगा रो पड़ती है। हामिद के इस कदम की सूचना मिलने पर गांव के सभी लोग उसकी तारीफ करते हैं और अन्य बच्चे मुरीद हो जाते हैं।
आनंद सिंह ने हामिद बनकर दर्शकों की संवेदनाएं बटोरीं
इस कहानी का नौटंकी रूपांतरण राजकुमार श्रीवास्तव ने किया। निर्देशन अतुल यदुवंशी ने किया। नौटंकी में रंगा रंगीली की भूमिका प्रियांशु यादव, शिवांगी शुक्ला ने की। आनंद सिंह ने हामिद बनकर दर्शकों की संवेदनाएं बटोरीं। कीरत सिंह मेहरोत्रा, अंशिका सिंह, वर्षा कनौजिया, आयुष कुमार, प्रखर सेठ और विबुद्ध शेखर ने अभिनय से वाहवाही पाई।

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