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    कुत्‍ते के काटने पर क्‍या करें प्राथमिक उपचार, प्रयागराज के किन अस्‍पतालों में है एंटी रेबीज इंजेक्‍शन

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Tue, 13 Sep 2022 04:11 PM (IST)

    सड़क बाजार कालोनियां और गलियों में कुत्‍त झुंड बनाकर घूम रहे हैं। थोड़ी सी सावधानी न रही तो यह दौड़ाकर काट भी ले रहे हैं। अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने आ रहे लोगों की संख्या बताती है कि प्रत्येक काट रहे हैं।

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    कुत्तों को पकड़ने के लिए पशुधन विभाग निष्क्रिय है। ऐसे में आए दिन लोग इनके शिकार हो रहे हैं।

    प्रयागराज, जेएनएन। इन दिनों कुत्‍तों के काटने की घटनाएं बढ़ गई हैं। ऐसे में कुत्‍तों से सावधान रहने की जरूरत है। अगर वे काट लें तो फौरी तौर पर आप ही प्राथमिक उपचार कर सकते हैं और फिर तत्‍काल डाक्‍टर के पास पहुंचें। प्रयागराज के किन अस्‍पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्‍शन की सुविधा है और कहां नहीं। क्‍योंकि अस्पतालों में एक सप्ताह में एआरवी लगवाने वालों की संख्या बढ़ गई है।

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    300 से अधिक लोगों को रोज काट रहे कुत्ते : सड़क, बाजार, कालोनियां और गलियों में कुत्‍त झुंड बनाकर घूम रहे हैं। थोड़ी सी सावधानी न रही तो यह दौड़ाकर काट भी ले रहे हैं। अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने आ रहे लोगों की संख्या बताती है कि प्रत्येक दिन 300 से अधिक लोगों को कुत्ते काट रहे हैं।

    संबंधित विभाग के लोग बेपरवाह : इससे भी बड़ी समस्या है कि कुत्तों को पकड़ने के लिए पशुधन विभाग पूरी तरह निष्क्रिय है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि कुत्तों से निजात मिले तो कैसे।

    एंटी रेबीज इंजेक्‍शन की सुविधा किन अस्‍पतालों में है : प्रयागराज के तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली अस्पताल) के एआरवी (एंटी रैबीज वेनम) सेंटर में टीके लगवाने की सुविधा है। काल्विन अस्पताल में भी एआरवी इंजेक्‍शन लगवाने की सुविधा है। इसके अलावा जिले के सभी सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों (सीएचसी) में भी इसकी सुविधा है। हां यहां एक बात ध्‍यान में रखें कि स्‍वरूपरानी नेहरू अस्‍पताल (एसआरएन हास्पिटल) में इंजेक्‍शन की सुविधा नहीं है। यहां मरीज को इंजेक्‍शन लेकर जाना पड़ता है।

    यह है एआरवी की डोज : यदि साधारण रूप से कुत्‍ते का दांत ही लगा है तो फौरन उस स्थान को धो लें। 24 घंटे के भीतर एआरवी का पहला डोज लगवा लें। दूसरा डोज तीसरे दिन, तीसरा सातवें दिन और चौथा डोज 28वें दिन लगेगा। घाव ज्यादा हो गया है या खून निकल आया है तो इमेनोग्लोब्लिन इंजेक्शन भी घाव के चारों तरफ लगाना जरूरी है।

    क्‍या कहते हैं पशुधन अधिकारी : पशुधन अधिकारी डा. विजय अमृतराज कहते हैं कि हरियाणा की एजेंसी को कुत्तों के बंध्‍याकरण का टेंडर मिला है। इसके लिए भवन का निर्धारित होना बाकी है। उम्मीद है कि अगले महीने एजेंसी अपना बंध्‍याकरण शुरू करेगी।

    कुत्ता काटे तो पट्टी कभी न बांधें : प्रयागराज के बेली अस्पताल की मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. शारदा चौधरी ने बताया कि प्रत्येक दिन औसत 120 लोगों को इंजेक्शन लग रहे हैं। लोग कुत्तों से सावधानी बरतें। जिस स्थान पर कुत्ता काट ले वहां कोई पट्टी न बांधें। एंटीसेप्टिक साबुन से उस स्थान को धो लें। बताया कि एआरवी फिलहाल पर्याप्त है।

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