शिव कचहरी में भक्तों की सुनी जाती है हर फरियाद, जानिए मंदिर की क्या है विशेषता
शिवकुटी इलाके में स्थित यह शिव मंदिर अपनी बनावट के कारण बाहर से मंदिर जैसा नहीं लगता है। सफेद रंग के भवन को देखकर किसी अदालत का आभास होता है लेकिन मंदिर के भीतर से आती शिवनाम की गूंज से शिवालय होने का पता चलता है।

प्रयागराज, जेएनएन। शहर के उत्तर दिशा में गंगा जी के किनारे शिवकुटी इलाके में शिव जी का प्राचीन मंदिर स्थित है। यहां पर अनेकों शिवलिंग स्थापित हैं। स्थानीय लोग इसे शिव कचहरी के नाम से संबोधित करते हैं। यह अदालत है महादेव शिव की, कहा जाता है कि यहां पर भक्तगण अपनी गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करते हैं। भोलेनाथ भक्तों की फरियाद सुनते हैं और उनका दुख-दर्द भी हरते हैं।
शिवकुटी इलाके में स्थापित है यह शिव मंदिर
शिवकुटी इलाके में स्थित यह शिव मंदिर अपनी बनावट के कारण बाहर से मंदिर जैसा नहीं लगता है। सफेद रंग के भवन को देखकर किसी अदालत का आभास होता है लेकिन मंदिर के भीतर से आती शिवनाम की गूंज से शिवालय होने का पता चलता है।
नेपाल के राणा जनरल पद्मजंग ने कराई थी स्थापना
मंदिर का इतिहास डेढ़ सौ साल पुराना बताया जाता है। मंदिर के पुजारी शंभू दुबे के मुताबिक नेपाल के राणा जनरल पद्मजंग बहादुर ने १८८६ में इस मंदिर की स्थापना कराई थी। मंदिर में नेपाल राजपरिवार के प्रत्येक सदस्य के नाम से शिवलिंग स्थापित कराए गए हैं।
मंदिर में विराजमान हैं २०० से अधिक शिवलिंग
बताया जाता है कि मंदिर में नेपाल राज परिवार के हर सदस्य के नाम पर एक शिवलिंग की स्थापना की गई थी। शास्त्र सम्मत तरीके से शिवलिंगों की स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा के लिए काशी से ब्राम्हण और वेदज्ञ बुलाए गए थे। बताते हैं कि यहां पर २८६ शिवलिंग स्थापित किए गए हैं लेकिन स्थानीय शिवभक्तों की मानें तो कोई गिनती ही नहीं की जा सकी है। गिनने पर संख्या कम-ज्यादा होती रहती है।
यहां पर होते हैं शिव के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन
शिव कचहरी के मुख्य द्वार पर सिद्धेश्वर महादेव प्रतिष्ठित हैं, इसके चारो तरफ शिव की आकृति बनी है, कहा जाता है कि यह समय-समय पर अपना रंग बदलती है। भीतर नागेश्वर, चंद्रेश्वर महादेव के भी दर्शन होते हैं। शिव भक्त नंदी महाराज के भी दर्शन होते हैं। लक्ष्मी-नारायण भगवान के दर्शन भी यहां पर हो जाते हैं।
यहां भक्त मांगते हैं अपने अपराधों के लिए क्षमा
मंदिर के पुजारी शंभू दुबे कहते हैं कि शिव की अदालत में भक्त अपने द्वारा किए गए अपराधों की क्षमा मांगते हैं और महादेव बाबा भोलेनाथ उनको माफ भी कर देते हैं। इसीलिए शिव को अवघड़दानी भी कहा गया है।
सावन माह और महाशिवरात्रि पर अभिषेक को लगती है भीड़
मंदिर में सावन माह और शिवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है जो शिव का जलाभिषेक कर अपनी फरियाद करते हैं। पुजारी शंभूनाथ का कहना है कि यहां से कोई खाली हाथ नहीं जाता है, शिव सभी को न्याय देते हैं। देश के अलावा विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं।
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