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    Allahabad High Court: वेणी माधव पौराणिक मंदिर परिक्रमा मार्ग से महंत की भू समाधि हटाने के लिए हाई कोर्ट में सिविल वाद दायर

    वादी के अनुसार ओंकार नाथ त्रिपाठी ने वेणी माधव मंदिर सेवा समिति ट्रस्ट गठित कर लिया। अपना नाम ओंकार गिरि रख स्वयं को महंत घोषित करा लिया। उनके निधन के बाद उनकी पुत्री ने जल समाधि न देकर गिरि को परिक्रमा मार्ग के किनारे भू समाधि दे दी।

    By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2022 08:04 AM (IST)
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    प्रयागराज में दारागंज स्थित वेणी माधव मंदिर के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में सिविल वाद दायर किया गया है।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज शहर के दारागंज स्थित पौराणिक वेणी माधव मंदिर के गर्भगृह परिक्रमा मार्ग में निर्मित ब्रह्मलीन महंत ओंकार गिरि की समाधि हटाने की मांग में दाखिल केस की सुनवाई 11 अगस्त 22 को होगी। यह सिविल वाद मोरी दारागंज निवासी रामचंद्र शर्मा ने अतिरिक्त सिविल जज कनिष्ठ श्रेणी पंचम इलाहाबाद की अदालत में दायर किया है। इसमें दिवंगत महंत ओंकार गिरी की पुत्री विभा त्रिपाठी सर्वकारा महंत वेणी माधव मंदिर एवं विराजमान वेणी माधव बजरिए सचिव महानिर्वाणी अखाड़ा दारागंज को पक्षकार बनाया गया है।

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    वादी ने कहा- वेणी माधव मंदिर से श्रद्धालुओं की आस्‍था जुड़ी है : वादी शर्मा का कहना है कि वेणी माधव मंदिर एक पौराणिक मंदिर है। इसमें देश, विदेश के तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। इसका पुनर्निर्माण 200 वर्ष पूर्व भूस्वामी माता कार्तिक पांडेय ने कराया था। मंदिर के सामने धर्मशाला व शिव मंदिर भी बनवाया था। मंदिर निर्वाणी अखाड़ा को देखरेख पूजापाठ के लिए सौंप दिया गया था। श्रीराम त्रिपाठी सागर मध्य प्रदेश निवासी को अखाड़े ने मंदिर में पुजारी रखा था। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र ओंकार नाथ त्रिपाठी मंदिर की देखरेख पूजापाठ करने लगे। महानिर्वाणी अखाड़े के शिष्य बन गए।

    ओंकार गिरि को परिक्रमा मार्ग के किनारे भू समाधि दी गई : वादी का कहना था कि मनमुटाव होने पर ओंकार नाथ त्रिपाठी ने वेणी माधव मंदिर सेवा समिति ट्रस्ट गठित कर लिया। अपना नाम ओंकार गिरि रख स्वयं को महंत घोषित करा लिया। उनका निधन कोरोना काल में 5 मई 20 को हुआ। उनकी पुत्री विभा त्रिपाठी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्व. नरेंद्र गिरि व जूना अखाड़ा के हरि गिरि के सहयोग से जल समाधि न देकर 7 मई को ओंकार गिरि को परिक्रमा मार्ग के किनारे भू समाधि दे दी।

    इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है : पुलिस प्रशासन ने कोविड 19 का हवाला देकर विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी। इसको लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है किंतु अभी तक सुनवाई नहीं हो सकी है। शर्मा का कहना है कि परिक्रमा मार्ग में भू समाधि आस्था से खिलवाड़ है। वादी सहित लाखों श्रद्धालुओं को ठेस पहुंची है। समाधि को हटाने की प्रार्थना की गई है।